Mahatma Gandhi France Yellow Vest Protest: भारत में महात्मा गांधी को गाली देने और विभाजन से लेकर आज तक की हर समस्या के लिए जवाहरलाल नेहरू को विलेन बनाने का फैशन चला है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे भारत में उनके हत्यारे गोड़से की मंदिर बनाकर पूजा करने वाले लोग भी हैं. लोकतंत्र की जननी भारत से बहुत दूर क्रांति की धरती फ्रांस के येलो वेस्ट प्रोटेस्ट में शामिल कुछ लोगों के लिए महात्मा गांधी अहिंसा और शांति के प्रतीक बने हैं जो गांधी येलो वेस्ट पहनकर अहिंसक तरीके से फ्रांस सरकार के खिलाफ एक साल से चल रहे आंदोलन में शामिल होते हैं. गांधी येलो वेस्ट का आयडिया भारतीय कलाकार कमल भटनागर और ब्रिटिश कलाकार क्लेयर बेस्ट का है जो येलो वेस्ट प्रोटेस्ट में हिंसा और तोड़फोड़ से चिंतित थे. दोनों ने गांधी येलो वेस्ट बनाकर प्रदर्शनकारियों से संपर्क किया और लोगों ने उसे अहिंसक आंदोलनकारी के तौर पर खुद को पेश करने के लिए पहना.
पेरिस. भारत में विभाजन से लेकर इंडिया की हर तरह की समस्या के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को विलेन बनाने का ट्रेंड कुछ समय से चल रहा है. देश में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की जयंती मनाई जा रही है और लोग उनकी पूजा कर रहे हैं, उनको महान बता रहे हैं, मंदिर भी बना रहे हैं. देश 2 अक्टूबर को यानी कल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार ने गांधी की याद में स्वच्छ भारत अभियान चला रखा है. भारत में गांधी को गालियां देने वाले लोग सक्रिय हैं. वहीं लोकतंत्र की जननी भारत से बहुत दूर क्रांति की धरती फ्रांस में पेट्रोल-डीजल की महंगाई और मिडिल क्लास पर टैक्स के बोझ के खिलाफ 46 हफ्तों से हर वीकेंड आयोजित हो रहे येलो वेस्ट प्रोटेस्ट में महात्मा गांधी नजर आ रहे हैं.
येलो वेस्ट प्रोटेस्ट में हिंसा, झड़प, तोड़फोड़ और मौत से व्यथित दो कलाकारों ने महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन और सवज्ञा आंदोलन को लेकर एक अनोखा कैंपेन चलाया. भारत के कमल भटनागर और ब्रिटेन की क्लेयर बेस्ट की डिजाइन येलो वेस्ट में महात्मा गांधी की मुस्कुराती तस्वीर जिन आंदोलनकारियों तक पहुंची, उन्हें खूब भाई और उन्होंने उसे पहना. इस येलो वेस्ट पर फ्रेंच भाषा में लिखा था- आई प्रोटेस्ट लाइक गांधी- यानी मैं गांधी की तरह प्रदर्शन करता हूं. भारत के कमल भटनागर डेढ़ दशक से विज्ञापन की दुनिया में हैं. उन्होंने भारत के सबसे बड़े पत्रकारिता संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से पढ़ाई की है.
क्या है फ्रांस का येलो वेस्ट प्रोटेस्ट
फ्रांस की सरकार ने पिछले साल देश में फ्यूल टैक्स विशेषकर डीजल टैक्स बढ़ाने की घोषणा की तो विरोध शुरू हुआ. ऑनलाइन माध्यम पर विरोध के कैंपेन पर 10 लाख से ज्यादा लोग समर्थन में आ गए. 17 नवंबर, 2018 से हर वीकेंड शनिवार को येलो वेस्ट आंदोलनकारी टैक्स में इजाफे के खिलाफ सड़क पर उतरने लगे. हर गुजरते हफ्ते के साथ प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा होता रहा और ये पेरिस से दूसरे शहरों में फैलता गया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रो की लोकप्रियता का ग्राफ 47 फीसदी से 25 फीसदी पर आ गिरा. प्रदर्शनकारी आर्थिक सुधार की नीतियों का भी विरोध कर रहे हैं लेकिन मूल रूप से महंगा तेल और ज्यादा टैक्स आंदोलन का बुनियादी कारण है.
https://www.youtube.com/watch?v=NZxPOvN83N8
येलो वेस्ट ही क्यों पहनते हैं 46 सप्ताह से फ्रांस में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी
फ्रांस के कानून के मुताबिक गाड़ी में येलो वेस्ट रखना जरूरी होता है. किसी भी इमरजेंसी के वक्त ड्राइवर का येलो वेस्ट (पीली जैकेट) पहनना अनिवार्य होता है. प्रदर्शनकारियों ने ईंधन के दाम बढ़ने का विरोध करने के लिए इस येलो वेस्ट को अपना हथियार बनाया क्योंकि इसे देश का हर आदमी पहचानता था. प्रदर्शनकारी सड़क पर येलो वेस्ट पहनकर उतरते हैं जो फ्रांस में इमरजेंसी सिचुएशन का प्रतीक है.
My creative partner Clare Best & I created this vest, that says(French): I PROTEST LIKE GANDHI. We shared Bapu's values of non-violence on the streets of Paris, during the Gilets Jaunes protest. Many peaceful protestors supported the idea and wore the vests. #Gandhi150 @PMOIndia pic.twitter.com/430Z0kJysc
— kamal bhatnagar (@BhatnagarKamal) September 30, 2019
येलो वेस्ट प्रोटेस्ट: कब, कहां, कैसे हुई फ्रांस में 2018 के नवंबर से शुरू हुआ आंदोलन
17 नवंबर 2018 को तीन लाख से ज्यादा लोग फ्रांस में सड़क पर उतरे और येलो वेस्ट पहनकर टैक्स वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया. फ्रांस सरकार एक साथ इतने लोगों को सड़क पर देखकर हिल गई. प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं, पेट्रोल पंप का घेराव कर दिया. यह पूरा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था लेकिन पहले ही दिन 63 साल के एक प्रदर्शनकारी की एक बाइक से टक्कर में मौत हो गई. उस बाइक चालक की भी उसी दिन एक वैन से टकराकर मौत हो गई. इन घटनाओं ने सुर्खियां बटोरी और मैक्रो सरकार ने नए आर्थिक सुधारों की घोषणा कर दी.
हिंसा, असंतोष फ्रांस की जनता और महात्मा गांधी
2019 के शुरुआती महीनों के बाद आंदोलन थोड़ा थमता नजर आ रहा था जिसकी वजह थी कुछ जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की हिंसक भिडंत. इसके अलावा कई आपराधिक तत्वों ने येलो वेस्ट पहनकर क्राइम करना शुरू कर दिया. इससे येलो वेस्ट प्रोटेस्टर्स की छवि को धक्का लगा. प्रोटेस्टर्स को डर सताने लगा कि हिंसा करने का मामला दायर हो सकता है. फ्रांस सरकार ने पिछले सप्ताह 2020 के बजट का मसौदा पेश किया है जिसमें टैक्स कट का भी ऐलान शामिल है. सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए धीमा चल रहा आंदोलन इस सप्ताह फिर तेज हो उठा. शनिवार को प्रदर्शन के दौरान फ्रांस के टोलुज इलाके में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े. आंदोलन और तेज होगा या ठंडा, ये आगे पता चलेगा.
हिंदुस्तान से मीलों दूर फ्रांस में महात्मा गांधी बने हैं आंदोलन का चेहरा
फ्रांस के येलो वेस्ट प्रोटेस्ट में हिंसा से चिंतित भारत के कमल भटनागर और ब्रिटिश कलाकर क्लेयर बेस्ट ने गांधी येलो वेस्ट डिजाइन किया है जिसे उन्होंने आंदोलन में शामिल लोगों के साथ साझा किया. इस येलो वेस्ट पर गांधी का चेहरा बना है और फ्रेंच में लिखा हुआ है, ‘मैं गांधी की तरह प्रोटेस्ट करता हूं’. कमल और क्लेयर ने हाथ से 50 गांधी येलो वेस्ट बनाए और उसे प्रदर्शनकारियों को दिया और उनसे गांधी के बारे में पूछा. दोनों कलाकारों को करीब-करीब सारे प्रदर्शनकारियों ने गांधी की अहिंसा और अहिंसक आंदोलन के बारे में बताया और गांधी येलो वेस्ट पहना. प्राइवेसी कारणों से इन प्रदर्शनकारियों ने अपना चेहरा सामने ना लाने की अपील की जिसका पालन इस खबर में भी किया गया है इसलिए गांधी येलो वेस्ट पहने दो महिलाओं का चेहरा नहीं दिखाया गया है. गांधी येलो वेस्ट आंदोलन कर रहे लोगों को पसंद आया और कुछ लोगों ने इसे खास तौर पर मंगवाकर आंदोलन में इस्तेमाल किया. दक्षिण फ्रांस की एक महिला ने अपने ग्रुप के लोगों को यह वेस्ट पहनाया.
ये वो दो कलाकार हैं- कमल भटनागर और क्लेयर बेस्ट जिन्होंने महात्मा गांधी की फोटो लगी वेस्ट बनाकर फ्रांससी आंदोलनकारियों को पेश किया और इसे लोगों ने खुशी-खुशी पहना जिस पर लिखा है- आई प्रोटेस्ट लाइक गांधी.वैश्विक नेता हैं महात्मा गांधी
महात्मा गांधी को अहिंसा के प्रतीक के तौर पर सारी दुनिया जानती है. संयुक्त राष्ट्र 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाता है. इसलिए गांधी येलो वेस्ट से जुड़ना आंदलोनकारियों के लिए सहज रहा. अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग हों या साउथ अफ्रीका के नेल्सन मंडेला सभी ने गांधी को अपना आदर्श बताया है. फ्रांस में भी लोग महात्मा गांधी और उनके अहिंसा के सिद्धांत से भली-भांति वाकिफ हैं और ये मानते हैं कि भारत एक शांत देश है. ऐसा नहीं है कि कमल भटनागर और क्लेयर बेस्ट का बनाया गांधी येलो वेस्ट इस आंदोलन का चेहरा है और सारे लोग यही वेस्ट पहन रहे हैं. कमल और क्लेयर ने एक कोशिश की है कि आंदोलन में शामिल लोग गांधी के रास्ते पर चलें, अहिंसक तरीके से आंदोलन करें, अहिंसा के रास्ते सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं. ये फ्रांस के आम लोगों की सदाशयता और उन तक इस वेस्ट की पहुंच और उसकी संभावित लोकप्रियता पर निर्भर है कि गांधी फ्रांस को रास्ता दिखा पाते हैं या नहीं.