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NIA Chargesheet on Hafiz Saeed Links: अलगावादी नेता यासीन मलिक समेत 4 के खिलाफ एनआईए की चार्जशीट होगी दर्ज, आतंकी हाफिज सईद से जुड़े होने की संभावना

NIA Chargesheet on Hafiz Saeed Links, hafiz Saeed se jude algavadi neta ke khilaf NIA ki chargesheet: अलगावादी नेता यासीन मलिक समेत 4 के खिलाफ एनआईए की चार्जशीट दर्ज की जाएगी. इनके आतंकी हाफिज सईद से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है. 2010 और 2016 में आतंकवादी गतिविधियां और पथराव करने के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त करने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया जाएगा.

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NIA Chargesheet on Hafiz Saeed Links
  • October 1, 2019 8:13 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए शीर्ष अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक, दुख्तारन-ए-मिल्लत प्रमुख रिया अंद्राबी, ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के महासचिव मसरत के खिलाफ 3 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल करने के लिए तैयार है. आलम और शब्बीर शाह, जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) के अध्यक्ष हैं. 2010 और 2016 में आतंकवादी गतिविधियां और पथराव करने के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त करने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया जाएगा. अलगाववादी नेताओं के अलावा, विधान सभा के पूर्व सदस्य (एमएलए) इंजीनियर शेख अब्दुल ऐसे पहले मुख्यधारा के राजनेता हैं जिन्हें एनआईए ने गिरफ्तार किया और अपनी चार्जशीट में नाम दर्ज किया है.

आरोप पत्र के कुछ अंशों के अनुसार, यासीन मलिक पाकिस्तान / पीओकेक-आधारित आतंकवादी नेता हाफिज सईद और अन्य आतंकी संगठनों के संपर्क में था. बता दें कि चार्जशीट में उल्लेख भारत की विरोधी गतिविधियों के रूप में किया गया है. एक प्रसिद्ध टीवी चैनल के साथ यासीन मलिक के साक्षात्कार को भी खुले स्रोत से सबूत के भाग के रूप में उल्लेख किया गया है. इस साक्षात्कार में यासीन मलिक ने कहा, मैं राहत के सामानों के साथ वहां गया था. यह तब था जब मैं मूरे के लश्कर शिविर में गया था, जहां हाफिज सईद ने एक समारोह आयोजित किया था. मैंने लश्कर के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था.

यासीन मलिक की हॉटमेल आईडी से कई मेल पाए गए जहां उन्होंने लश्कर, तहरीक-उल-मुजाहिदीन (टीयूएम) और अन्य के साथ संपर्क स्थापित किया. यासीन मलिक के पूरे इतिहास का सही पता लगाया गया है कि कब उन्होंने एक अलगाववादी नेता के रूप में अपने दिनों में बंदूक उठाई थी. एनआईए ने अपने 214 मुख्य आरोप पत्र में संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) की भूमिका को इंगित किया है, जिसने 2016 में कश्मीर में हिंसक आंदोलन की अगुवाई की थी, प्रोटेस्ट कैलेंडर्स जारी करके चार महीने के लिए आर्थिक रूप से बंद कर दिया.

साक्ष्य में यासीन मलिक और जेआरएल और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गिलानी समूह ने व्यापारिक समुदाय के साथ-साथ कुछ अन्य स्रोतों से धन एकत्र किया है, जो आर्थिक बंद सुनिश्चित करते हैं और घाटी में आम नागरिकों के दैनिक जीवन में हिंसक विरोध जारी है. इन कैलेंडर में पिकेटिंग, मार्गों को अवरुद्ध करने, सार्वजनिक परिवहन को निलंबित करने और लोगों को अजादी तराना (गाने) बजाने के लिए प्रेरित करने के विस्तृत निर्देश थे. एनआईए के मुताबिक, शब्बीर शाह ने मामले में सह आरोपी हवाला ऑपरेटर जहूर अहमद शाह वटाली से 10 लाख रुपये लिए थे. उनका ईमेल आईडी लेनदेन भी डॉलर के आदान-प्रदान को दिखाता है.

सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व में ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के महासचिव मसरत आलम भट ने 2010 के कश्मीर में पथराव और उसके बाद घाटी में फैली अशांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आरोप पत्र में मसरत आलम को कश्मीर में पत्थरबाजों और हिंसक आंदोलन का पोस्टर बॉय करार दिया गया है. महिला अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने एनआईए को बताया कि वह विदेशी स्रोतों से धन और चंदा इकट्ठा करती रही है और दुख्तारन-ए-मिलत घाटी में मुस्लिम महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन का आयोजन करती रही है. आसिया अंद्राबी को 2011 में मलेशिया में अपने बेटे के शैक्षिक खर्चों के वित्तपोषण सहित सबूतों के साथ ज़ाहर वटाली द्वारा किए गए विदेशी प्रेषण के माध्यम से सामना करना पड़ा.

इसी तरह, लंगेट के पूर्व विधायक इंजीनियर रशीद के गलत गतिविधियों के लिए लश्कर प्रमुख हाफिज सईद और जहूर वटली के साथ संबंध होने की खबर है. कहा जाता है कि रशीद ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली से जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) के शीर्ष पुलिसकर्मियों को एसओएस संदेश भेजने का अंतिम प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता एक व्यापक आरोप पत्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि जहूर वटली की जमानत याचिका एजेंसी के लिए एक परीक्षण मामला है क्योंकि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में रिकॉर्ड 22 बार सुनवाई हुई थी. उन्होंने कहा कि एजेंसियों को राहत देने के लिए, वटाली को जमानत नहीं दी गई.

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