Volkswagen Diesel Scandal: फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल में कंपनी के सीईओ हरबर्ट डीज और चेयरमैन हैंस डाइटर पॉश पर शेयर मार्केट में अनियमितता के लगे आरोप

Volkswagen Diesel Scandal Case: दुनिया की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्सवैगन के सीईओ और चेयरमैन पर नए आरोप लगे हैं. फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल के दौरान उन पर शेयर मार्केट में अनियमितता करने के आरोप लगाए गए हैं. अभियोजन पक्ष ने बताया है कि फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल के सामने आने के बाद कंपनी के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने शेयरधारकों को फाइनेंशियल रिस्क के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जो कि गैरकानूनी है.

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Volkswagen Diesel Scandal: फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल में कंपनी के सीईओ हरबर्ट डीज और चेयरमैन हैंस डाइटर पॉश पर शेयर मार्केट में अनियमितता के लगे आरोप

Aanchal Pandey

  • September 24, 2019 7:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

बर्लिन, जर्मनी. दुनिया की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्सवैगन के सीईओ हरबर्ट डीज और कंपनी के चैयरमैन हैंस डाइटरपॉश के खिलाफ बाजार में अनियमितता के आरोप लगाए हैं. फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल मामले में सरकारी अभियोक्ता ने कंपनी के सीईओ और चेयरमैन को मार्केट में अनियमितता के लिए जिम्मेदार ठहराया है. फॉक्सवैगन कंपनी के दोनों बड़े अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने डीजल स्कैंडल के दौरान कंपनी को होने वाले बड़े आर्थिक नुकसान की जानकारी शेयरधारकों से छुपा कर रखी थी.

अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल मामले में जर्मनी के सराकारी अभियोक्ता की तरफ से कोर्ट में 640 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया है. जिसमें कंपनी के पूर्व सीईओ मार्टिन विंटरकोर्न पर भी नए आरोप लगाए गए हैं. स्कैंडल सामने आने के बाद विंटरकोर्न ने फॉक्सवैगन के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था. उन पर जर्मनी के साथ अमेरिका में भी केस चल रहा है. 

जर्मन कानून के अनुसार यदि कंपनी को किसी भी तरह का बड़ा आर्थिक नुकसान होता है और उससे शेयर की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है तो इसे फाइनेंशियल रिस्क माना जाता है और शेयरधारकों को इस बारे में अवगत कराना जरूरी होता है. जबकि कंपनी के टॉप ऑफिशियल्स ने ऐसा नहीं किया. अभियोजन पक्ष की तरफ से कंपनी के तीनों बड़े अधइकारियों को फाइनेंशियल रिस्क के बारे में नहीं बताने के लिए आरोपी माना है.

गौरतलब है कि फॉक्सवैगन डीजल स्कैंडल के बारे में साल 201 में खुलासा हुआ था. उस दौरान कंपनी की लाखों डीजल कारों को एमिशन टेस्ट में धोखाधड़ी कर पास करवा दिया गया था और उन्हें मार्केट में बेचा गया. स्कैंडल के सामने आने के बाद फॉक्सवैगन कंपनी को करीब 300 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था. स्कैंडल सामने आने के बाद कंपनी के शेयरधारकों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ा था. कंपनी के शेयर के दामों में 40 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई थी. 

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