Sensex Nifty Rise Today, Sensex Nifty me huyi badat: स्टॉक मार्केट में आज उछाल देखने को मिला. सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज खुलने पर सेंसेक्स 1,000 प्वाइंट ऊपर और निफ्टी 11,500 के पार चला गया. वित्त मंत्री के कॉरपोरेट टैक्स बूस्टर और जीएसटी दर में कटौती के बाद सेंसेक्स और निफ्टी ने सोमवार सुबह बढ़त हासिल कर ली. कई ब्रोकरेज ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद भारत इंक और सेंसेक्स और निफ्टी लक्ष्य के लिए अपनी कमाई का अनुमान लगाया है. यह देखना महत्वपूर्ण है कि एफपीआई अपनी खरीद की होड़ को फिर से शुरू करेगा.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार की तरह सोमवार को भी शुरुआती कारोबार में तेजी से बढ़े. सोमवार की सुबह स्टॉक एक्सचेंज खुलने पर सेंसेक्स 1100 अंक बढ़कर 39,153 पर और निफ्टी 11,500 पर पहुंच गया. शुक्रवार को, सरकार ने निर्माताओं को लुभाने और निजी निवेश को पुनर्जीवित करने और छह साल के निचले स्तर से वृद्धि करने के लिए एक आश्चर्यजनक कदम में कॉर्पोरेट कर दरों को घटा दिया. इस कदम से सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष में खोए राजस्व के मामले में 1.45 लाख करोड़ का खर्च आएगा. इसी के बाद से स्टॉक बाजार में वद्धि देखने को मिल रही है. सोमवार को भी सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स और एमएंडएम 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच चढ़े. कई ब्रोकरेज ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद इंडिया इंक और सेंसेक्स और निफ्टी के लक्ष्य के लिए कमाई का अनुमान लगाया है.
फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स रेट में कटौती से सिटीग्रुप की कवरेज की कमाई में वित्त वर्ष 2015 तक 8-9 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो सकती है. विश्लेषक बारीकी से देख रहे होंगे कि विदेशी संस्थागत निवेशक कर की दर में कटौती कैसे करेंगे. सैमको के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिमीत मोदी ने कहा, यह देखना महत्वपूर्ण है कि एफपीआई अपनी खरीद की होड़ को फिर से शुरू करेगा और वे कर की दर में कटौती कैसे कर रहे हैं. शुक्रवार को एफपीआई ने सिर्फ 30 करोड़ (नेट) के भारतीय इक्विटी खरीदे थे जबकि घरेलू निवेशकों ने 3,000 करोड़ से अधिक की राशि डाली थी.
कुछ बाजार विश्लेषकों ने उम्मीद की है कि भारतीय बाजार आगे बढ़ेंगे. सलाहकारों के प्रमुख विक्रम कासट कहते हैं, कई तरह के तकनीकी संकेतक संकेत देते हैं कि बाजार उच्च स्तर पर पीछे हटने का प्रयास कर सकते हैं. बेशक, रिजल्ट सीजन जल्द ही शुरू हो जाएगा, लेकिन कई सेक्टरों की संभावना इतनी कम है कि हम कमजोर पड़ सकते हैं.