World Wrestling Championships 2019: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का ऐलान निराश न हों, ग्रीकोरोमन कुश्तयों में भी मिलेंगे अच्छे परिणाम

Brij Bhushan Sharan Singh Bole Grecoroman Wrestling Mein Milenge Bharat Ko acche Prinam: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा है कि आस्ताना में चल रही वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप 2019 में भारतीय पहलवानों के प्रदर्शन से निराश न हों. आने वाले समय में भारतीय पहलवान ग्रीकोरोमन कुश्तियों में बेहतर करेंगे. बृजभूषण शरण सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय पहलवानों ने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कुछ खास नहीं कर पाए हैं.

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World Wrestling Championships 2019: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का ऐलान निराश न हों, ग्रीकोरोमन कुश्तयों में भी मिलेंगे अच्छे परिणाम

Aanchal Pandey

  • September 16, 2019 6:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

आस्ताना: ग्रीकोरोमन शैली की कुश्तियों में भारत के औसत दर्जे के प्रदर्शन के बाद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने भारतीय कुश्ती प्रेमी जनता को आश्वस्त किया है कि अगले तीन वर्षों में आपको इस शैली की कुश्ती में भी वैसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे जो फ्रीस्टाइल या महिला कुश्ती में इन दिनों देखने को मिल रहे हैं.

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि कुछ समय पहले तक ग्रीकोरोमन शैली की कुश्ती का न तो स्कूलों में कोई आयोजन होता था और न ही यूनिवर्सिंटी लेवल पर ही इसकी कोई मान्यता थी. न ही इस कुश्ती के फ्रीस्टाइल शैली की तरह दंगल होते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद इसे स्कूलों और यूनिवर्सिटी में शामिल कराया. यहां कभी स्थिति यह थी कि जो बच्चे फ्रीस्टाइल में नहीं चलते थे, वह ग्रीकोरोमन में आ जाते थे. अब इस शैली की कुश्ती की शुरुआता स्कूल और यूनिवर्सिटी लेवल पर शुरुआत होने से अगले तीन साल में देखना सीनियर वर्ग में भी ग्रीकोरोमन कुश्ती में फ्रीस्टाइल शैली की ही तरह परिणाम आने शुरू हो जाएंगे. इतना ही नहीं, ग्रीकोरोमन शैली के पहलवानों के लिए दंगल आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है.

कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कहा कि अपने पहलवानों को दुनिया भर में होने वाले रैंकिंग टूर्नामेंट में अधिक से अधिक भाग लेने का अवसर देना हमारी प्राथमिकता है. यही वजह है कि आज हमारे कई पहलवान टॉप टेन रैंकिंग में आ गये हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. हमारा यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि जिस तरह नरसिंह यादव, सुशील और उनसे पहले सुजीत मान ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करके ओलिम्पिक के लिए क्वॉलीफाई किया था. मैं चाहता हूं कि इस संख्या में और भी सुधार आये.

मिंस्क (बेलारूस) में कठिन प्रतियोगिता होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ठोकर न लगे तो अच्छा है. यदि ठोकर लगगकर सीखने को मिलता है तो वह आदर्श स्थिति है. यह भी एक संयोग ही है कि बजरंग पूनिया का पिछली वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल पक्का था लेकिन हमने ग़लत समय पर प्रोटेस्ट दर्ज किया जिससे थके हारे उनके विपक्षी पहलवान को आराम करने का मौका मिल गया. कभी वर्ल्ड चैम्पियन बनने के अलावा ओलिम्पिक में दो पदक जीतने पर हर तरफ सुशील ही सुशील की धूम देखने को मिलती थी लेकिन अब हर तरफ बजरंग ही बजरंग का नाम सुना जाता है. हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है. मुझे विश्वास है कि बजरंग सहित बाकी अन्य भारतीय पहलवान इस बार आस्ताना में इतिहास बनाएंगे और शानदार प्रदर्शन करके सबका दिल जीतेंगे.

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