World Ozone Day 2019 : 16 सितंबर को दुनियाभर में ओजोन दिवस मनाया जा रहा है. ओजोन परत के संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. ओजोन धरती की एक परत है जो वायुमंडल में 20 से 40 किलोमीटर के बीच पाई जाती है.
नई दिल्ली. दुनियाभर में 16 सितंबर को ओजोन दिवस मनाया जा रहा है. इस साल ओजोन दिवस 32वीं बार 32 years and Healing’ थीम के साथ मनाया जाएगा. पृथ्वी की ओजोन परत के संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए ओजोन दिवस मनाया जाता है. ओजोन धरती की एक परत है जो वायुमंडल में 20 से 40 किलोमीटर के बीच पाई जाती है. ओजोन परत का काम सूरज से गिर रही अल्ट्रा वाइलट किरणों के प्रभाव से मनुष्य, जीव-जंतु और पर्यावरण को बचाना है. अगर ओजोन परत धरती पर न हो तो अल्ट्रा वाइलेट किरणें हर किसी के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं. इसलिए ही ओजोन परत का संरक्षण बहुत जरूरी बताया गया है.
ओजोन परत क्या है
ओजोन पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जो सूर्य से निकलने वाले यूवी किरणों से धरती की रक्षा करती है. साल 1913 में फ्रांस के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने ओजोन परत की खोज की थी. यह परत ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी एक गैस है जो वायुमंडल में सिर्फ 0.02 फीसदी की मात्रा में पाई जाती है.
इंसान से क्या है ओजोन परत को नुकसान
ओजोन परत को इंसानों से ज्यादा खतरा है क्योंकि दुनिया में जो कैमिकल्स बनाए जा रहे हैं वे सभी इसकी परत को पतला कर रहे हैं. बड़ी-छोटी फैक्ट्री और अन्य जगहों से निकलकर हवा में पहुंच रहे कैमिकल्स लगातार प्रदुषण को बिगाड़ रहे हैं जिसके असर से जलवायु परिवर्तन हो रहा है. हालांकि, काफी लोग इसे बचाने के लिए तरह-तरह के अभियान चलाकर जागरुकता भी फैला रहे हैं.
क्या है ओजोन दिवस मनाने का इतिहास
ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के वैज्ञानिकों ने साल 1985 में ओजोन परत में एक बड़ा छेद होने का पता लगाया था. इस दौरान वैज्ञानिकों ने जाना कि इसके लिए वक्लोरोफ़्लोरोकार्बन (CFC) गैस जिम्मेदार है. वैज्ञानिकों की इस खोज के बाद दुनियाभर में इस गैस का इस्तेमाल रोकने के लिए सभी देशों में सहमति बनी और 16 सितंबर 1987 के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल सभी नेतत्व ने हस्ताक्षर कर दिए.
साल 1994 में ओजोन लेयर को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 सितंबर की तारीख को इंटरनेशनल ओजोन डे मनाने का फैसला किया. सबसे पहले 16 सितंबर 1995 को ओजोन दिवस मनाया गया. जिसके बाद से हर साल यह दिवस मनाया जाने लगा.