Bus Conductor Ke Bete Atharva Ankolekar Ne Bharat Ko Jitaya U-19 Asia Cup Final: भारत और बांग्लादेश के बीच 14 सितंबर को कोलंबो में खेले गए अंडर 19 एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को 5 रनों से हराकर खिताब जीत लिया. भारत को मैच जिताने में अहम भूमिका बाएं हाथ स्पिनर अथर्व अंकोलेकर ने निभाई. इस खिताबी मुकाबले में उन्होंने 28 रन देकर 5 विकेट लिए और भारत को चैम्पियन बना दिया. उन्हें बेहतरीन बॉलिंग के लिए प्लेयर ऑफ द प्लेयर मैच का खिताब भी दिया गया.
नई दिल्ली. भारत ने 14 सिंतबर को अंडर 19 एशिया कप फाइनल में बांग्लादेश को करीबी मुकाबले में 5 रनों से हराकर खिताब जीत लिया. ये सातवीं बार है जब भारत ने एशिया कप का खिताब जीता. कोलंबो के आर प्रेमदासा क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस कम स्कोर वाले मैच में कई उतार चढ़ाव देख को मिले. भारत को मैच जिताने में सबसे अहम योगदार बाएं हाथ के स्पिनर अथर्व अंकोलेकर का रहा. ये उनकी गेंदबाजी का करिश्मा ही था कि उन्होंने बांग्लादेश को 101 रन पर समेटकर भारत को 5 रनों से खिताबी जीत दिला दी. अंकोलेकर को उनकी शानदार बॉलिंग के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया. बहुत कम लोगों को पता है कि भारत को खिताबी जीत दिलाने वाले अथर्व अंकोलेकर बस कंडक्टर के बेटे हैं. उनके पास अन्य क्रिकेटर्स की तरह बहुत ज्यादा सुविधाएं भी नहीं हैं.
भारत की अंडर 19 टीम ने एशिया कप फाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने निर्णय किया. पूरी टीम 32.4 ओवर में 106 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. भारत की तरफ से इस फाइनल मुकाबले में सबसे अधिक 37 रन करन लाल ने बनाए. उनके अलावा ध्रुव जूरेल ने 33 रनों की पारी खेली. इन दोनों बल्लेबाजों के अलावा कोई भी भारतीय खिलाड़ी क्रीज पर ज्याादा देर तक नहीं टिक पाया. बांग्लादेश की तरफ से मृत्युंजय चौधरी और शमीम होसैन ने 3-3 विकेट लिए.
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जब भारतीय टीम 106 रनों पर ऑल आउट हुए तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि पचास ओवर के इस मैच में टीम इंडिया चैम्पियन बनेगी. जीतने के लिए 107 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम लड़खड़ा गई. इस फाइनल मुकाबले में अर्थव ने बेहतरीन बॉलिंग करते हुए बांग्लादेशी टीम की चूलें हिला दीं. उन्होंने 8 ओवर में 28 रन देकर 5 विकेट लिए. ये उनकी बॉलिंग का करिश्मा ही था जो बांग्लादेश की टीम मामूली स्कोर का पीछा नहीं कर सकी.
अथर्व जब 10 वर्ष के थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. उनकी मां मुंबई में बस कंडक्टर हैं. उनके घर की आमदनी का जरिया बस मां की नौकरी है. ऐसी स्थिति में अथर्व की मां ने उन्हें हतोत्साहित नहीं होने दिया. इस दौरान अथर्व ने कड़ी मेहनत की और बाद में अंडर 19 टीम में सिलेक्ट हुए.
मौजूदा समय मे अथर्व मुंबई के सिटी कॉलेज में कॉमर्स के छात्र हैं. उन्हें क्रिकेट खेलने के उनके पिता ने प्रोत्साहित किया था. पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां को नौकरी मिली. मां उन्हें पूरी तरह सपोर्ट किया और बाद में जब अथर्व भारतीय टीम में चुने गए तो उनके पिता का सपना पूरा हुआ.
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