Regional Language Books in UP School, UP School Mein Local Bhasha Kitab: Regional Language Books in UP School: स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग, एससीईआरटी उत्तर प्रदेश में भोजपुरी और अवधी समेत स्थानीय बोलियों में पाठ्यपुस्तकों को जारी करने की तैयारी कर रही है. पुस्तकें चार बोलियों में होंगी- ब्रज, भोजपुरी, बुंदेलखंडी और अवधी. स्थानीय बोलियों में नई पाठ्यपुस्तकों को सहज नाम दिया जा रहा है.
नई दिल्ली. स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग, एससीईआरटी उत्तर प्रदेश में भोजपुरी और अवधी समेत स्थानीय बोलियों में पाठ्यपुस्तकों को पेश करने की तैयारी कर रही है. पुस्तकें चार बोलियों में होंगी- ब्रज, भोजपुरी, बुंदेलखंडी और अवधी. स्थानीय बोलियों में नई पाठ्यपुस्तकों को सहज नाम दिया जा रहा है और पुस्तकों में केवल हिंदी खंडों का अनुवाद किया जाएगा. पाठ्यपुस्तकों को इन स्थानीय भाषाओं में बुधवार को एक समीक्षा बैठक में प्राथमिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी द्वारा जारी किया गया था और इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मथुरा, गोरखपुर, ललितपुर और बाराबंकी जिलों में कक्षा 1 और 2 में इस सप्ताह के अंत तक पेश किया जाएगा.
बोलचाल की भाषाओं को अधिक महत्व देने और जो स्टूडेंट्स इन बोलियों का अपनी मातृभाषा के रूप में उपयोग करते हैं उनके सीखने में सुधार लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त निदेशक अजय सिंह की अगुवाई में यह निर्णय लिय़ा गया. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उन छात्रों को पढ़ाई में मदद मिलेगी जो स्थानीय भाषा को समते हैं. हमने हर भाषा में 15 किताबें छपवाई है. हर चार जिलों में से 10 स्कूलों में इन किताबों को पेश किया जाएगा.
अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक क्षेत्र के शिक्षक अक्सर दूसरे क्षेत्र में तैनात होते हैं और उन छात्रों तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं जिनकी मातृभाषा उन्हें ज्ञात नहीं है. सिंह ने कहा भाषा की बाधा को तोड़ने के लिए, हमने मानक हिंदी से स्थानीय बोलियों में पुस्तकों को बदल दिया है. किताबों में शिक्षण में मदद करने के लिए एक विशेष सुविधा भी है. जो शिक्षक स्थानीय बोली से परिचित नहीं हैं, वे प्रत्येक पाठ के लिए एक QR कोड स्कैन कर सकते हैं. यह उन्हें उन छात्रों के लिए पाठ का एक ऑडियो चलाने की अनुमति देता है जो सुन और समझ सकते हैं.