10 हज़ार करोड़ का मालिक है आसाराम, 300 करोड़ मिलता है ब्याज

आसाराम भले ही जोधपुर जेल में बंद है, लेकिन उसके करोड़ों रुपए बाजार में लोन पर चल रहे हैं. इनकम टैक्स के छापे में यह बात सामने आई है. मध्य प्रदेश के इंदौर में 16 जगहों पर चल रही जांच में पता चला कि आसाराम के रुपए लोन के रूप में रियल एस्टेट, सराफा से लेकर कई धंधों में लगे हैं. इससे आसाराम को हर साल करीब 300 करोड़ रुपए ब्याज मिल रहा है.

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10 हज़ार करोड़ का मालिक है आसाराम, 300 करोड़ मिलता है ब्याज

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  • September 11, 2015 5:48 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
इंदौर. आसाराम भले ही जोधपुर जेल में बंद है, लेकिन उसके करोड़ों रुपए बाजार में लोन पर चल रहे हैं. इनकम टैक्स के छापे में यह बात सामने आई है. मध्य प्रदेश के इंदौर में 16 जगहों पर चल रही जांच में पता चला कि आसाराम के रुपए लोन के रूप में रियल एस्टेट, सराफा से लेकर कई धंधों में लगे हैं. इससे आसाराम को हर साल करीब 300 करोड़ रुपए ब्याज मिल रहा है. 
 
इनकम टैक्स के छापे में हुआ उजागर
एक अनुमान के मुताबिक आसाराम की प्रॉपर्टी 10 हजार करोड़ रुपए की है. उसने देशभर के 500 बड़े कारोबारियों को 1677 करोड़ रुपए सिर्फ लोन पर दे रखे हैं. आसाराम नाबालिग से रेप का आरोपी है. इंदौर में डाले गए छापे में मोहन लुधियानी और बाकी कारोबारियों से मिले दस्तावेजों में आसाराम की तरफ से दिए गए लोन के सबूत मिले हैं. इनकम टैक्स की पूछताछ में कई लोगों ने कबूल कर लिया है कि वे ब्याज पर पैसा चला रहे हैं. चाय, रियल एस्टेट कारोबारी मोहन लुधियानी आसाराम ट्रस्ट का पूरा कामकाज संभालता है. वह गुरुकुल स्कूल में भी डायरेक्टर है. सूत्रों के मुताबिक इसके यहां भी लोन के रूप में करोड़ों रुपए देने के सबूत मिले हैं. जांच में श्रीराम बिल्डर के यहां जमीन में दो करोड़ रुपए से ज्यादा गड़े मिले. सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की यह जांच फिलहाल जारी है.
 
42 बोरों में मिले दस्तावेजों ने खोली पोल
सूत्रों के मुताबिक दो साल पहले आसाराम की गिरफ्तारी के समय आश्रम से पुलिस को 42 बोरे दस्तावेज मिले थे. इसमें किस-किस को कितना रुपया चलाने के लिए दिया है, इसका जिक्र था. इसके साथ ही पूरे देश में फैली प्रॉपर्टी की जानकारी थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इनकी जांच की जा रही थी. इसी तरह कुछ साल पहले इंदौर के केशव नाचानी के यहां आयकर छापे में काफी दस्तावेज मिले थे. इसमें इस ब्लैक मनी के सबूत थे. इसी आधार पर सूरत की टीम ने दिल्ली इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर छापे की प्लानिंग बनाई.
 

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