Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू, पितरों के लिए 12 तरह के होते हैं श्राद्ध कर्म, जानिए सभी का मतलब

Pitru Paksha 2019: शुक्ल चतुर्दशी से शुरू होकर अश्विन पक्ष की अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध किया जाएगा. इस साल 13 सितंबर से पितृ पक्ष 2019 शुरू हो रहा है. पुराण में 12 तरह के अलग-अलग श्राद्ध बताए गए हैं, जानिए क्या.

Advertisement
Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू, पितरों के लिए 12 तरह के होते हैं श्राद्ध कर्म, जानिए सभी का मतलब

Aanchal Pandey

  • September 10, 2019 3:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. पितृ पक्ष 2019 की 13 सितंबर से शुरुआत हो रही है. शुक्ल चतुर्दशी से शुरू होकर अश्विन पक्ष की अमावस्या तक श्राद्ध की रस्म पूरी की जाएगी. श्राद्ध के दौरान पितरों का तर्पण किया जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं, इसलिए इन दिनों उनकी सेवा का विधान बताया गया है. सभी के पितर अलग होते हैं, ऐसे में उनकी श्राद्ध कर्म भी अलग-अलग तरह से किया जाता है. हिंदू पुराण में कुल 12 तरह के अलग-अलग श्राद्ध बताए गए हैं, जानिए क्या.

1. नित्य श्राद्ध- पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति को प्रतिदिन अन्न, जल, दूध और कुश से श्राद्ध करने से पितर खुश होते हैं.

2. नैमित्तिक श्राद्ध- यह श्राद्ध माता-पिता की मृत्यु के दिन किया जाता है जिसे एकोदिष्ट भी कहा जाता है.

3. काम्य श्राद्ध- विशेष सिद्धि प्राप्ति के लिए यह श्राद्ध कराया जाता है.

4. वृद्धि श्राद्ध- सुख और सौभाग्य की कामना करने के लिए वृद्धि श्राद्ध किया जाता है.

5. सपिंडन श्राद्ध- मृत लोगों के 12वें दिन यह श्राद्ध किया जाता है जिसे महिलाएं भी कर सकती हैं.

6. पार्वण श्राद्ध- पर्व की तिथि को यह श्राद्ध किया जाता है.

7. गोष्ठी श्राद्ध- परिवार के सदस्य मिलकर जो श्राद्ध करते हैं उसे ही गोष्ठी श्राद्ध कहा गया है.

8. शुद्धयर्थ श्राद्ध- पितृ पक्ष में किया जाने वाला यह श्राद्ध परिवार की शुद्धता करता है.

9. कर्मांग श्राद्ध- कर्मांग श्राद्ध किसी संस्कार के मौके पर किए जाने वाले श्राद्ध को कहा जाता है.

10. तीर्थ श्राद्ध- जो श्राद्ध किसी तीर्थ के दौरान किया जाता है उसे तीर्थ श्राद्ध कहा गया है.

11. यात्रार्थ श्राद्ध- यात्रा की सफलता के लिए किए जाने वाले श्राद्ध को पुष्टयर्थ श्राद्ध कहा जाता है.

12. पुष्टयर्थ श्राद्ध- उन्नति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध को पुष्टयर्थ श्राद्ध कहा जाता है.

नोट- अगर किसी व्यक्ति को श्राद्ध करना है लेकिन पितरों की मृत्यु की तिथि सही तरह से मालूम नहीं है तो इसका श्राद्ध अमावस्या की तिथि पर कर सकते हैं.

Pind Daan in Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष 13 सितंबर से होंगे शुरू, जानें क्यों श्राद्ध के दौरान जरूरी है पिंड दान

Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष के दौरान गर्भवती महिलाएं भूलकर भी न करें ये काम वरना हो सकता बड़ा नुकसान

Tags

Advertisement