Chandrayaan-2: चंद्रमा से बेहद कम दूर चंद्रयान-2, प्रज्ञान रोवर, विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर के बारे में जानें ये जरूरी बातें

Chandrayaan-2: चंद्रयान -2, भारत का चंद्रमा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मिशन है. चंद्रयान से निकला विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने जा रहा है. यह काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण मिशन माना जा रहा है. भारत का यह दूसरा चंद्र मिशन है. जो जानते हैं प्रज्ञान रोवर, विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर के बारे में जानें ये बातें.

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Chandrayaan-2: चंद्रमा से बेहद कम दूर चंद्रयान-2,  प्रज्ञान रोवर, विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर के बारे में जानें ये जरूरी बातें

Aanchal Pandey

  • September 6, 2019 2:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Chandrayaan-2: चंद्रयान -2 को भारत के जिनियस इंजीनियरों ने सबसे एडवांस टेक्निक के साथ डिजाइन किया है. इसका इंटिग्रेटिड मॉड्यूल, जिसमें देश भर में विकसित तकनीक और सॉफ्टवेयर शामिल हैं. यह इसरो का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन और पूर्ण रूप से स्वदेशी रोवर शामिल है. जिसका इंजरा इसरो के वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि पूरा देश  कर रहा है. चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम शनिवार तड़के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. जिसे लेकर सभी की धकड़ने बढ़ी हुई हैं.

भारत इस मिशन में कामयाब होता है तो वह इतिहास रच देगा. चंद्रयान-2 के साथ गया लैंडर विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर शनिवार को 1-30  से 2-30 बजे के बीच चांद की सतह पर किसी भी वक्त उतर सकता है. हाल ही में इसरो के साइंटिस्ट ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को अलग कराया. चंद्रयान -2 को 22 जुलाई को भारत के भारी-भरकम रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क III (GSLV Mk III) द्वारा अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था.

ऑर्बिटर: ऑर्बिटर का वजन 2,379 किलोग्राम है. इसकी इलेक्ट्रिक पावर जनरेशन क्षमता -1,000 W है. इसका काम काफी अहम है ऑर्बिटर चांद की सतह की जांच करेगा, जो साइंटिस्ट के बीच संदेश लाने और पहुंचाने का कार्य करेगा. ऑर्बिटर की मिशन लाइफ 1 वर्ष है और इसे 100X100 किमी लंबी चंद्र ध्रुवीय कक्षा में रखा जाएगा. यह आंकड़े और तस्वीरें भेजेगा.

विक्रम लैंडर: चंद्रयान -2 के लैंडर का नाम डॉ विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है. यह चंद्र दिन के हिसाब से कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो लगभग 14 पृथ्वी दिनों के बराबर है. लैंडर को चंद्र सतह पर एक सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सबसे अहम बात है कि इस लैंडर की सहायता से ही प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा. इसमें कई उपकरण और पेलोड भी शामिल हैं.

प्रज्ञान रोवर: प्रज्ञान रोवर का वजन 27 किलो है. इसकी विद्युत ऊर्जा उत्पादन क्षमता 50w है. चंद्रयान 2 का रोवर प्रज्ञान नाम का 6 पहियों वाला रोबोट वाहन है, जिसका संस्कृत में अर्थ  ज्ञान है. यह 500 मीटर (½-a-km) तक यात्रा कर सकता है और इसके कामकाज के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा. यह केवल लैंडर के साथ कम्युनिकेटर कर सकता है.

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