Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष 2019 की शुरुआत 13 सितंबर से हो रही है. इस दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध की रस्म पूरी करने का विधान है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
नई दिल्ली. हिंदू धर्म के अनुसार, गर्भधारण से लेकर मृत्योपरांत कर कई तरह के संस्कार किए जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति के मरने के बाद भी कुछ ऐसे कर्म होते हैं जिन्हें मृतक संबंधी विशेष तौर पर संतान को किया जाता है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 13 सितंबर से हो रही है. इस दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों के साथ बुरी आत्माएं भी आता हैं जिनका गलत प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर पड़ सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
पितृ पक्ष पर गर्भवती महिलाएं क्या न करें
1. पितृ पक्ष पर गर्भवती महिलाएं किसी एकांत जगह या जंगल की ओर भूलकर भी ना जाएं. अगर वहां जाना जरूरी है तो किसी व्यक्ति को अपने साथ रखें. क्योंकि ऐसी जगहों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रवास कहा गया है, जो गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है. साथ ही महिलाएं किसी भी प्रकार के इत्र या श्रृंगार का इस्तेमाल न करें. ऐसा करने से शिशु को परेशानी हो सकती है.
2. पितृ पक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं को शमशान घाट के पास से न गुजरें क्योंकि इस समय पितरों के साथ कई बुरी आत्माएं भी पृथ्वी पर आती हैं जिनका गर्भ में पल रहे बच्चे पर गलत प्रभाव पड़ता है. वहीं रात के समय भी भूलकर कहीं न जाएं क्योंकि रात में बुरी शक्तियों का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है.
3. पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी किसी बुजुर्ग का मन न दुखाएं, ऐसा करने से आपके पितर आपसे नाराज हो सकते हैं और आपको दंडित भी कर सकते हैं. वहीं इस दौरान किसी भी तरह का मासाहार का इस्तेमाल न करें, ऐसा करने पितरों का दुख पहुंचता है और बुरी शक्तियों का प्रभाव आपके ऊपर पड़ सकता है.