Social Media Reaction On Manmohan Singh GDP Statement: भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों काफी तेजी से गिर रही है, जिसके बाद हर कोई कोई देश के अर्थव्यवस्था को लेकर बातें कर रहा है,सोशल मी़डिया पर भी लोगों ने इसपर प्रतिक्रिया दी है. आम जनता ने काफी तरह के रिएक्शन दिए है.
नई दिल्ली. भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों काफी तेजी से गिर रही है, जिसके बाद हर कोई देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बातें कर रहा है, सरकार से सवाल कर रहा है, वहीं इस गिरती अर्थवयस्था को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने काफी गहरी चिंता व्यक्त की है जिसमें उन्होंने देश के आर्थिक स्थिति के बारे में कई सारी बाते कही. उन्होंने कहा है कि उन्होंने अर्थव्यस्था पर कहा कि आज अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत चिंताजनक है. पिछली तिमाही जीडीपी (GDP) केवल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी , जो इस ओर इशारा करती है कि हम एक लंबी मंदी के दौर में हैं. भारत में ज्यादा तेजी से वृद्धि करने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी छा गई है.
जिसके बाद सोशल मी़डिया पर लोगों की प्रतिक्रिया सामने आई है, जनता ने काफी तरह के रिएक्शन दिए है. एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमे क्या दिक्कत सब सही तो है. हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है जो सब ठीक कर देंगे. इसके अलावा एक यूजर ने लिखा कि देश के लिए एक अच्छे कदम उठाने की शख्त जरुरत है. सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. एक तरफ मोदी के समर्थक है तो दूसरे तरफ मनमोहन के समर्थक हैं.
बता दें मनमोहन ने अपने बयान में कहा कि पिछली तिमाही जीडीपी (GDP) केवल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी , जो इस ओर इशारा करती है कि हम एक लंबी मंदी के दौर में हैं. भारत में ज्यादा तेजी से वृद्धि करने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी छा गई है.
Indian Currency the biggest loser in Narendra Modi govt.
PM @narendramodi had promised to “bring the pride back” to the Indian rupee. Instead, the currency is now valued at its lowest ever in Indian history.#DrSinghOnEconomicCrisis pic.twitter.com/Fi5ouNmIz8
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) September 1, 2019
चिंताजनक बात यह है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर केवल 0.6 प्रतिशत है. इससे साफ हो जाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी के ग़लत फ़ैसले और जल्दबाज़ी में लागू किए गए जीएसटी की नुक़सान से उबर नहीं पाई है.घरेलू मांग में काफी गिरावट है और वस्तुओं के उपयोग की दर 18 महीने में सबसे निचले स्तर पर है. नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 15 साल के सबसे निचले स्तर पर है. टैक्स राजस्व में बहुत कमी आई है.
https://twitter.com/Bishnu467/status/1168038350852280321
1 USD = INR
1947: 1.00
1950: 4.76
1966: 6.36
1970: 7.50
1975: 8.38
1984: 11.36
1990: 17.50
1991: 22.74
1993: 30.49😰
1998: 41.26
2002: 48.61
2007: 41.35
2009: 48.41
2012: 53.44
2013: 69.13 😨
2014: 65.33
2016: 66.46
2018: 73:26
2019: 71.74 Today#DrSinghOnEconomicCrisis— Rishi Bagree (@rishibagree) September 1, 2019
https://twitter.com/DesiPoliticks/status/1168064653613834240
Our economic crisis is due to:
Man made blunder DeMo.
Hastily implemented GST.India can grow at a much faster rate but all round mismanagement by Modi govt has slowed it down.
If you want to recover:
NO vendetta politics
Reach out to all sane voices#DrSinghOnEconomicCrisis— Sanghamitra (@AudaciousQuest) September 1, 2019