Ganesh Chaturthi 2019: गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन लोग अपने घरों और मोहल्लों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करेंगे. इसके बाद 10 दिन तक भगवान गणेश की पूजा की जाएगी और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाएगा. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर गणेश चतुर्थी को इको फ्रेंडली तरीके से मनाने की पहल की जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक के मंगलुरु में रहने वाले नितिन वज नाम के शख्स ने कागज की लुगदी और सब्जी और फलों के बीज से गणेश जी की मूर्तियां तैयारी की हैं. खास बात ये है कि गणपति की ये मूुर्तियां विसर्जन के बाद पौधों में तब्दील हो जाएंगी.
मंगलुरु, कर्नाटक. देशभर में 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणपति बप्पा यानी भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करेंगे और करीब 10 दिन तक उनकी पूजा करेंगे. इसके बाद गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाएगा. हालांकि गणपति विसर्जन उत्सव आने के साथ ही सोशल मीडिया और अन्य सामाजिक प्लेटफॉर्म पर इस बार लोगों से इको-फ्रेंडली गणेश चतुर्थी बनाने की अपील की जा रही है. गणपति विसर्जन के बाद तालाब, नदी, समुंदर आदि जलाशयों में काफी कूड़ा इकट्ठा हो जाता है जो कि पर्यावण के लिए काफी नुकसानदेह माना जाता है और जल प्रदूषण की समस्या बढ़ती है. इसी को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक के मंगलुरु में रहने वाले नितिन वज नाम के एक शख्स ने इको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्तियां तैयार की हैं. खास बात यह है कि गणपति बप्पा की ये मूर्तियां विसर्जन के बाद पौधों में तब्दील हो जाएंगी.
नितिन वज का कहना है कि उन्होंने कागज की लुगदी और बीज से इको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्ति तैयार की है. मूर्ति बनाने में किसी भी तरह के हानिकारक रंगों और सामान का इस्तेमाल नहीं किया गया है. मूर्ति में सब्जी और फलों के बीज लगाए गए हैं. जिससे कि पानी में विसर्जन करने के बाद इससे पौधे उग जाएंगे.
Mangaluru-based Nithin Vaj has made Lord Ganesha idol from eco-friendly paper-pulp&seeds; says, "We've not used toxic paints or any other toxic materials. This idol is embedded with vegetable seeds & fruit seeds. It'll grow into a plant after it is dissolved in water". #Karnataka pic.twitter.com/lsVJJb0ll4
— ANI (@ANI) August 28, 2019
सोशल मीडिया पर नितिन विज की कलाकारी को काफी पसंद किया जा रहा है. लोग इको फ्रेंडली गणेश मूर्ति की तारीफ कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.
वैसे तो देशभर में 2 सितंबर से गणेशोत्सव मनाया जाएगा लेकिन महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में गणपति बप्पा का खासा क्रेज है. वहीं दक्षिण भारत के तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों के कई इलाकों में भी गणेशोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है.
श्रद्धालु गणेश चतुर्थी के दिन अपने घर और मोहल्लों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं. इसके बाद अनंत चतुर्दशी तक गणेशजी की पूजा की जाती है और उनका विसर्जन किया जाता है.