गुजरात सरकार ने लगाए होर्डिंग्स, बीफ खाना कुरान के हिसाब से गलत

गुजरात सरकार के एक बोर्ड ने दावा किया है कि कुरान में बीफ खाने पर मनाही है. बिलबोर्ड्स में गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड की ओर मैसेज दिया गया है कि कुरान भी गाय को बचाए रखने की बात कहता है. बिलबोर्ड्स बापुनगर में देखे गए हैं. अहमदाबाद में चीफ मिनिस्टर आनंदीबेन और इस्लामिक निशान- चांद और सितारे को लेकर बिलबोर्ड्स लगाए गए हैं. जनमाष्टमी के मौके पर इस बिलबोर्ड के जरिए मुस्लिमों को शुभकामनाएं भी दी गई हैं. क्या है लिखा

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गुजरात सरकार ने लगाए होर्डिंग्स, बीफ खाना कुरान के हिसाब से गलत

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  • September 8, 2015 2:45 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
अहमदाबाद. गुजरात सरकार के एक बोर्ड ने दावा किया है कि कुरान में बीफ खाने पर मनाही है. बिलबोर्ड्स में गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड की ओर मैसेज दिया गया है कि कुरान भी गाय को बचाए रखने की बात कहता है. बिलबोर्ड्स बापुनगर में देखे गए हैं. अहमदाबाद में चीफ मिनिस्टर आनंदीबेन और इस्लामिक निशान- चांद और सितारे को लेकर बिलबोर्ड्स लगाए गए हैं. जनमाष्टमी के मौके पर इस बिलबोर्ड के जरिए मुस्लिमों को शुभकामनाएं भी दी गई हैं. 
क्या है लिखा
 
बिलबोर्ड पर लिखा है, ‘अकरामुल बकरा फिनाह सैयदुल बाहिमा’ जिसका मतलब है बताया गया है कि ‘पशुओं में गाय सबसे जरूरी है इसलिए इसका सम्मान किया जाना चाहिए. इसका दूध, घी और मक्खन दवाई के काम आता है जबकि इसका मीट कई बीमारियों का कारण बनता है.’
 
क्या कहता है मुस्लिम समाज
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मुफ्ती अहमद देवलावी ने इस प्रकार के किसी दावे को नकारा है. उन्होंने कहा कि कुरान में बीफ को लेकर इस प्रकार की कोई बात नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान में इस प्रकार का मैसेज कहीं भी नहीं लिखा है. यह संभव है कि किसी अरबी स्टेटमेंट को गलती से कुरान से जोड़ा जा रहा है. मुस्लिमों को भ्रमित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. धार्मिक गुरु गुलाम मोहम्मद कोया ने भी कुरान में इस प्रकार के किसी भी मैसेज होने की बात से इनकार किया है. 
 
क्या कहते है बोर्ड के चेयरमैन
मैसेज का जरिया पूछा जाने पर बोर्ड के चेयरमैन और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. वल्लभभाई कठरिया ने कहा कि मुझे ये लाइनें और इसका अनुवाद 20 पेज के हिंदी और गुजराती बुकलेट में मिला. उन्होंने दावा किया है कि बुकलेट उनके राजकोट के घर पर है हालांकि उन्हें राइटर और पब्लिशर्स का नाम याद नहीं है. कठरिया फिलहाल गांधीनगर में जहां बोर्ड का ऑफिस है. 
 
बोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक, गौसेवा आयोग का गठन 1999 में हुआ और 2012 में गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड इसका विस्तार किया गया. इसे गायों को बचाने, उनके रख रखाव और वेलफेयर के लिए बनाया गया. यह गुजरात सरकार के एग्रीकल्चर कॉर्पोरेशन डिपार्टमेंट के तहत काम करता है. गुजरात सरकार के स्पोकपर्सन और कैबिनेट मिनिस्टर नितिन पटेल ने कहा कि उन्हें इस प्रकार के बिलबोर्ड की कोई जानकारी नहीं है.

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