Janmashtami dahi handi 2019: दही हांडी का महोत्सव इस साल 25 अगस्त को मनाया जा रहा है. दही हांडी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है. जन्माष्टमी इस बार 23 और 24 अगस्त दोनों दिन मनाया जा रहा है. जानिए कैसे मनाया जाता है दही हांडी महोत्सव और कब से शुरू हुई दही हांडी की परंपरा.
नई दिल्ली. दही हांडी का सेलिब्रेशन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है. देशभर में अलग-अलग हिस्सों में आज 23 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं कुछ लोग 24 अगस्त को जन्माष्टमी सेलिब्रेट करेंगे. दरअलस, इस बार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी 2 दिन 23 और 24 अगस्त दोनों दिन मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी का सेलिब्रेशन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है वहीं बाल गोपाल के जन्म के बाद अगले दिन दही हांडी का त्योहार उनके बाल लीलाओं को समर्पित करते हुए सेलिब्रेट किया जाता है.
कब है दही हांडी
इस बार देश दो दिन जन्माष्टमी का त्योहार सेलिब्रेट किया जा रहा है. इसलिए बहुत से लोग दही हांडी के सेलिब्रेशन को लेकर काफी कंफ्यूज हैं, तो चलिए आज हम आपका यह कंफ्यूजन भी दूर कर देते हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र मास की अष्टमी की आधी रात 12 बजे हुआ था. इसलिए रात 12 बजे बाल गोपाल का जन्मदिन सेलिब्रेट कर जन्माष्टमी मनाया जाता है. वहीं अगले दिन दही हांडी का त्योहार उनके बाल लीलाओं को याद करते हुए मनाया जाता है. इस बार दही हांडी का त्योहार 25 अगस्त को मनाया जाएगा.
कैसे मनाया जाता है दही हांडी का सेलिब्रेशन
दही हांडी का त्योहार देश भर में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग किसी खाली मौदान, गली या सोसायटी में बीचो बीच एक मोटी रस्सी बांध हैं और उस रस्सी के बीच में एक हांडी को बहुत ऊंचाई पर लटका दिया जाता है. इसके बाद अलग-अलग ग्रुप के लोग एक-दसूरे पर चढ़कर ह्यूमन पिरामिड जैसी श्रृंखला बनाते हुए रस्सी से बंधी हांडी तक पहुंचकर उसे फोड़ते हैं. इस हांडी में मक्खन या दही रखी जाती है. हांडी को फोड़ने वाला ग्रुप दही हांडी प्रतियोगिता में विजयी होता है.