Gajendra Singh Shekhawat On Stopping water to Pakistan: केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि सरकार ने सिंधु जल संधि का उल्लंघन किए बिना पाकिस्तान में बहने वाली हिमालयी नदियों के पानी को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पाकिस्तान में (सिंधु संधि के तहत) बहने वाले पानी को रोकने के लिए काम शुरू हो चुका है.
नई दिल्ली. केंद्रीय दल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही पाकिस्तान में हो रही पानी की सप्लाई पर रोक लगाएगा. गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि सरकार ने फैसला किया है कि सिंधु जल संधि के अलावा जितना भी पानी पाकिस्तन में जाता था उसकी सप्लाई पर रोक लगाई जाएगी. उनका कहना है कि हम इस पर प्राथमिकता पर काम कर रहे हैं कि पाकिस्तान जाने वाले पानी को कैसे रोका जा सकता है. उस पर काम चालू है. मैं बात कर रहा हूं उस पानी की जो पाकिस्तान की ओर बह रहा है. मैं सिंधु जल संधि को तोड़ने की बात नहीं कर रहा हूं.
शेखावत का कहना है कि जो पानी अधिक है और पाकिस्तान में जा रहा है, हम उस पानी को कैसे रोक सकते हैं? इस पर काम किया जा रहा है. कुछ जलाशय और नदियां हैं जो जलग्रहण क्षेत्र के बाहर है. हम उसे डायवर्ट करेंगे जिससे पानी की कमी के समय उसका इस्तेमाल कर सकें. हम हाइड्रोलॉजिकल और तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन पर काम कर रहे हैं. मैंने निर्देश दिया है कि इसे तुरंत किया जाना चाहिए ताकि हम अपनी योजनाओं को निष्पादित कर सकें. बता दें कि मई में पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार ने सिंधु की तीन पूर्वी नदियों में पानी को रोकने का फैसला किया था.
सिंधु जल संधि पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान ने 1960 में हस्ताक्षर किए थे. संधि के अनुसार, भारत के पास ‘पूर्वी’ नदियों – रावी, ब्यास और सतलुज के जल पर पूर्ण अधिकार हैं. बदले में भारत को ‘पश्चिमी ’नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम को पाकिस्तान में’ अप्रतिबंधित’ प्रवाहित करने देना पड़ा. संधि के अनुसार भारत ‘पश्चिमी’ नदियों के पानी का उपयोग कर सकता है. लेकिन केवल ‘गैर-उपभोग्य’ तरीके से. यह घरेलू प्रयोजनों के लिए और यहां तक कि सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन के लिए भी पानी का उपयोग कर सकता है, लेकिन केवल समझौते में निर्दिष्ट तरीके से.