नई दिल्ली. वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) की परिभाषा को लेकर सरकार और पूर्वसैनिकों के बीच का मतभेद, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और पूर्वसैनिकों के प्रतिनिधियों के बीच हुई एक बैठक के बाद अंतत: शनिवार को सुलझा लिया गया है. मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त) ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि समयपूर्व सेवानिवृत्ति लेने वालों को ओआरओपी से वंचित करने के मुद्दे पर उन्होंने चर्चा की.
सिंह ने कहा, “समयपूर्व सेवानिवृत्ति के मुद्दे पर हम चर्चा चाहते थे. रक्षामंत्री ने पुष्टि की कि सशस्त्र बलों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नहीं है, बल्कि सिर्फ समय पूर्व सेवानिवृत्ति है.” उन्होंने कहा, “जी हां, इस बयान के बाद हम संतुष्ट हैं.” सिंह ने कहा कि आंदोलन समाप्त करने का निर्णय जल्द ही लिया जाएगा. सरकार द्वारा घोषित ओआरओपी का आधार वर्ष 2013 है, और इसके क्रियान्वयन की तिथि पहली जुलाई, 2014 है। पेंशन की समीक्षा और संशोधन प्रत्येक पांच वर्ष पर होगा.