SC Hearing In Ayodhya Land Dispute Case Day 6 Written Updates: सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि बाबरी केस पर रोजाना सुनवाई की जा रही है. आज 14 अगस्त को सुनवाई की गई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में बेंच ने सुनवाई की. रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ वकील के परासरन और वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने पक्ष रखा.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि बाबरी केस पर रोजाना सुनवाई की जा रही है. आज 14 अगस्त को सुनवाई की गई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में बेंच ने सुनवाई की. रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ वकील के परासरन और वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा जिस तरह मुस्लिमों के लिए मक्का है, उसी तरह हिंदुओं के लिए अयोध्या राम जन्मभूमि है. उन्होंने बाबरनामे का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि बाबरनामे में नहीं लिखा है कि बाबरी मस्जिद भारत के शासक बाबर ने बनाई थी. वैधनाथन ने 19वीं सदी के ब्रिटिश सर्वेक्षक मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब का जिक्र भी किया. वैधनाथन ने कहा कि बाबर ने मस्जिद बनाई थी इसका जिक्र पहली बार मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब से हुआ था. रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि दस्तावेजों के आधार पर ये साबित होता है कि वहाँ जन्मस्थान था और जन्मस्थान के ऊपर मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था.
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शाम 4:20 बजे- इस अजस्र लोकश्रद्धा की वजह से ही सनातन हिन्दू धर्म पुनर्जागरण हुआ. इस विवादित स्थान पर हमारे दावे का आधार भी यजी है कि ये पूरा स्थान ही देवता है। लिहाज़ा इसका दो तीन हिस्सों में बंटवारा नहीं हो सकता. जिसमें विवादित ढांचे का पूरा विवरण है। उसमें 14 पिलर है। जिसमें शंकर देवता तांडव नृत्य, हनुमान जी आदि देवताओं के चित्र है। इसमें 2 पिलर नस्ट किया गया. रामलला की तरफ से बहस शुक्रवार को भी जारी रहेगी.
दोपहर 3:55 बजे- गुप्त काल यानी ईसा पूर्व 6 ठी सदी से लेकर जब लेकर उत्तर मध्य युग तक रामलला के वकील ने रामजन्मभूमि की सर्वकालिक महत्ता और महात्म्य बताया. कभी साकेत के नाम से मशहूर नगर ही अब अयोध्या है. यहीं सदियों से लोग राम के प्रति श्रद्धा निवेदित करते रहे हैं. यहां तक कि बौद्ध, जैन और इस्लामिक काल मे भी श्रद्धा के स्रोत का ये स्थान राम जन्मस्थान के रूप में ही लगातार प्रसिद्ध रहा.
दोपहर 3:50 बजे- रामलला की तरफ से वैधनाथन ने कहा कि पुरातत्व विभाग के सबूत बताते है कि वहाँ एक मंदिर था जिसे नष्ट किया गया. अगर कोई मस्जिद मंदिर को नष्ट कर के बनती है तो शरीयत कानून के मुताबिके उसे मस्जिद नही माना जाता.
दोपहर 3:40 बजे- जस्टिस बोबड़े ने मुस्लिम पक्ष के वक़ील राजीव धवन से पूछा विवादित स्थल को लेकर शिया और सुन्नी के बीच क्या विवाद है?राजीव धवन ने कहा जो विवाद है उसे सूट पर कोई असर नही पड़ेगा इस बाबत राजीव धवन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया.
दोपहर 3:38 बजे- रामलला की तरफ से कहा गया कि हिन्दू धर्म हमेशा पुनर्जीवित हुआ है कैसे भी बदलाव हुए हो, परिस्थिति कुछ भी हो, लेकिन रामजन्मभूमि को लेकर हिन्दुवों का विश्वास अटूट रहा.
दोपहर 3:29 बजे- जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा परिस्थिति से लगता है कि वहाँ हिन्दू, मुस्लिम, बुद्ध और जैन धर्म का प्रभाव रहा है. जिसपर रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि इन धर्मो का प्रभाव था लेकिन जन्मभूमि पर हिंदू धर्म का पुनर्जीवन हुआ। एक बात जो थी जो हमेशा स्थिर रही वो थी राम जन्मभूमि के लिए लोगों की आस्था उनका विश्वास.
दोपहर 2.40 बजे- रामलला के वक़ील सी एस वैधनाथन ने कहा, साकेत का इतिहास जो 600 बीसी में लिखा गया है, उसमें भी श्रीराम और उनके वंशज का जिक्र है, इसमें साकेत कौशल साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है.
दोपहर 2.30 बजे- रामलला के वक़ील सी एस वैधनाथन कई प्राचीन किताबों, विदेशी दार्शनिकों और विद्वानों के यात्रा वृत्तांत के जरिये ये बताने की कोशिश कर रहे है कि वहां राममंदिर था और जन्मभूमि की महत्वता क्या है?
दोपहर 2.20 बजे- वैधनाथन ने चाइनीज विद्वान फ़ा हुएन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी अयोध्या की यात्रा की थी और अपने यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब में अयोध्या रामजन्मभूमि का जिक्र किया था. वैधनाथन ने एलेग्जेंडर कुंनिंगहम की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एलेग्जेंडर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईसा मसीह की जन्म से पहले राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण किया था. राजा विक्रमादित्य ने तक़रीबन 368 मंदिरों का निर्माण कराया था जिसमें भगवान राम का जन्मस्थान भी है. 1869 में पी कार्नेज्ञ ने फैज़ाबाद का दौरा किया था.
दोपहर 2.15 बजे- राजीव धवन ने बताया कि बाबरनामा का 2 पेज गायब है. राम लला विराजमान की ओर से कहा गया बाबरनामा में इस बात का जिक्र नहीं की, बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर ने कराया था. वैधनाथन ने पी कार्नेज्ञ को कोट करते हुए कहा कि जिस तरह मुस्लिमों की तरह मक्का है, उसी तरह हिंदुओं के लिए अयोध्या राम जन्मभूमि.
दोपहर 2.12 बजे- वैधनाथन ने के विदेशी यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब से ये बात साबित होती है कि वहां भव्य मंदिर था जिसे नष्ट किया गया था. वैधनाथन ने कहा कि स्थान को हमेशा से ही जन्मस्थान माना गया है, लोगों की जन्मस्थान को लेकर अतिप्राचीन काल से आस्था है और विश्वास है इस लिए इसमें कोई विवाद ही नहीं.
दोपहर 2.08 बजे- वैधनाथन ने के विदेशी यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब का जिक्र किया. जिसमें Joseph Tiefenthaler, Montgomery Martin आदि है. इस सभी ने अपने यात्रा वृत्तांत में भगवान राम का जिक्र किया है। साथ ही ये भी कहा कि कैसे मंदिर को नष्ट किया गया.
दोपहर 2.06 बजे- वैधनाथन ने 19 सदी के ब्रिटिश सर्वेक्षक मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब का जिक्र किया. वैधनाथन ने कहा कि बाबर ने मस्जिद बनाई थी इसका जिक्र पहली बार मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब से हुआ.
दोपहर 2.03 बजे- रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि दस्तावेजों के आधार पर ये साबित होता है कि वहां जन्मस्थान था और जन्मस्थान के ऊपर मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया.
दोपहर 2 बजे- मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने इस बात पर आपत्ति जताई कि बाबरनामा में बाबर के अयोध्या भ्रमण को लेकर कुछ नही लिखा गया है. राजीव धवन ने कहा बाबरनामा में इस बात का जिक्र गया कि बाबर नदी पार कर अयोध्या रुका था. इस लिए ये नही कहा जा सकता कि बाबरनामा में इसका जिक्र नही है. बाबर के अयोध्या भ्रमण को लेकर दो पेज गायब है.
दोपहर 1.56 बजे- जस्टिस बोबड़े ने रामलला के वकील से पूछा मस्जिद को बाबरी मस्ज़िद कब कहा जाने लगा? वैधनाथन ने कहा ये 19 सदी में कहा गया उससे पहले इस बात के कोई सबूत या साक्ष्य नही है कि मस्जिद को बाबरी मस्जिद कहा गया हो. जस्टिस बोबड़े ने पूछा क्या इस बात का सबूत है कि बाबर ने मस्जिद के निर्माण के लिए कहा.
दोपहर 1.53 बजे- सी एस वैधनाथन ने 16 वीं सदी के विलियम फिंच के यात्रा वृत्तांत का जिक्र किया. सी एस वैधनाथन ने कहा विलियम फिंच ने 1608 और 1611 के बीच में अयोध्या का दौरा किया था. सी एस वैधनाथन ने कहा कि विलियम फिंच ने अपने यात्रा वृत्तांत में ये बताया है कि कैसे राम की नगरी अयोध्या को बर्बाद किया गया था.
दोपहर 1.50 बजे- जस्टिस अशोक भूषण ने पूछा कि ये पुराण कब लिखा गया था? सी एस वैधनाथन ने कहा वो इसलिए क्योंकि जन्मस्थान खुद में ही एक देवता है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा आप जो कह रहे है उसमें रामजन्मभूमि के दर्शन के बारे में कहा गया है देवता के बारे में नहीं?
दोपहर 1.47 बजे- सी एस वैधनाथन ने कहा ये पुराण वेद व्यास द्वारा महाभारत काल में लिखा गया था. ये बेहद पुराना है, कोई ये तक नहीं जानता कि कितना पुराना. रामलला विराजमान की तरफ से वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने स्कंद पुराण का जिक्र किया. सी एस वैधनाथन ने कहा कि ये रिवाज है कि सरयू नदी में स्नान करने के बाद रामजन्मभूमि के दर्शन का लाभ मिलता है.
दोपहर 1.45 बजे- रामलला विराजमान की तरफ से वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने कहा कि सबसे पहले वो कोर्ट के समक्ष इतिहासिक साक्ष्य रखेगे और उसके बाद पुरातत्व विभाग के साक्ष्य कोर्ट के सामने रखेगे जिससे ये साबित हो जाएगा कि जन्मस्थान पर मंदिर था.