Amendment in Jammu Kashmir Reservation Act 2004: राज्यसभा में आज, 5 अगस्त 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण आधिनियम 2004 में संशोधन बिल पेश किया. इस बिल को राज्यसभा से पास कर दिया गया है. इसी के साथ घाटी में तनाव की स्थिति बन गई है. इस बिल के पास होने से अब इंटरेशनल बॉर्डर के 10 किमी के अंदर वालों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. जानें क्या है जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 और इसमें सरकार ने क्या बदलाव किए हैं.
श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 में संशोधन के लिए आज राज्यसभा में बिल पास कर दिया गया. अध्यादेश जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन करता है. अधिनियम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के लिए व्यावसायिक संस्थानों में नियुक्ति और प्रवेश में आरक्षण का प्रावधान देता है.
संशोधन से नियुक्ति में आरक्षण का विस्तार किया गया है. यह अधिनियम सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित व्यक्तियों को राज्य सरकार के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करता है. यह सामाजिक और शैक्षिक रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (Actual Line of Control) से सटे क्षेत्रों में रहने वाले पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों को आरक्षण में शामिल करता है. आरक्षण के दायरे में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे 10 किमी के क्षेत्रों में रहने वाले पिछड़े वर्ग की जातियों के लोगों को शामिल करने के लिए इसमें संशोधन करता है.
इसके अलावा, अधिनियम में कहा गया है कि नियंत्रण रेखा से सटे एक क्षेत्र में निवास के आधार पर नियुक्त किए गए किसी भी व्यक्ति को कम से कम सात वर्षों तक ऐसे क्षेत्रों में सेवा करनी चाहिए. अध्यादेश इस शर्त को अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों तक भी पहुंचाता है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किमी के क्षेत्र में सटे इलाकों में रहने वालों को 10 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा.
अधिनियम में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य राशि से अधिक है सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों में शामिल नहीं होगा. हालांकि, यह नियम वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों पर लागू नहीं होता है. अध्यादेश में कहा गया है कि इसके अलावा, यह नियम अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा.