Delhi Daryaganj Sunday Book Market Shut: पुरानी दिल्ली की मशहूर दरियागंज संडे बुक मार्केट को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है. दरअसल खबर कुछ ऐसी है जो किताबों के शौकीनों को थोड़ा परेशान कर सकती है. दरअसल खबर यह है दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद पुरानी दिल्ली की दरियागंज संडे बुक मार्केट को बंद कर दिया गया है. बुक मार्केट के बंद होने से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. दिल्ली की पहचान बन चुकी दरियागंज की ये संडे बुक मार्केट हर किसी के पास किताबें खरीदने का जरिया रही है.
Delhi Daryaganj Sunday Book Market Shut: पुरानी दिल्ली की मशहूर दरियागंज संडे बुक मार्केट को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है. दरअसल खबर कुछ ऐसी है जो किताबों के शौकीनों को थोड़ा परेशान कर सकती है. दरअसल खबर यह है दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद पुरानी दिल्ली की दरियागंज संडे बुक मार्केट को बंद कर दिया गया है. बुक मार्केट के बंद होने से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ जब दरियागंज में आज यानी रविवार को बुक मार्केट नहीं लगी, जिससे पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा है, साथ ही कई चेहरे उदास दिखे. पुरानी दिल्ली की पहचान बन चुकी दरियागंज की ये संडे बुक मार्केट हर किसी के पास किताबें खरीदने का जरिया रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक जामा मस्जिद के पास नेताजी सुभाष मार्ग में रविवार को किसी भी साप्ताहिक बाजार की अनुमति नहीं दी जाएगी. दरअसल दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि नेताजी सुभाष मार्ग एक बहुत ही व्यस्त सड़क है, जहां हर समय हाई ट्रैफिक वॉल्यूम रहता है. ऐसे में जब पुस्तक विक्रेता फुटपाथ पर कब्जा कर लेते हैं.
बता दें कि दरियागंज संडे बुक मार्केट बंद होने से वर्षों से छात्रों, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों, शिक्षकों और किताबों के शौकीन लोगों को किताबें बेचने वाले दुकानदारों के सामने अब कोई रास्ता नहीं बचा है. पहाड़गंज सिटी सदर डिप्टी कमिश्नर वेदिता रेड्डी ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाष मार्ग को नो स्क्वाटिंग और नो हॉकिंग जोन घोषित किया है, इसलिए किताब की मार्केट यहां नहीं लग सकती है.
कोर्ट के इस फैसले के बाद संडे बुक मार्केट में किताब बेचने वाले 250 पुस्तक विक्रेताओं की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हफ्ते के आखिर में इनमें से अधिकांश पुस्तक विक्रेताओं के लिए यह मार्केट आय की स्त्रोत थी. 20 सालों से दरियागंज संडे बुक मार्केट में किताबें बेच रहे सुरिंदर सिंह ने कहा कि मैं यहां किताबें बेचकर हर हफ्ते करीब 8000 से 10,000 तक कमा लेता था, इससे घर का खर्चा निकल आता था. अब जब मार्केट बंद हो गया है तो मेरे परिवार के भविष्य पर अंधेरा छा गया है. पता नही फिर से बाजार खुलेगा या नहीं.
उत्तरी कार्पोरेशन के अधिकारियों का इस मामले पर कहना है कि वे बाजार को यहां से दूसरी जगह स्थानांतरिंत करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने किताब विक्रेताओं को रविवार को रामलीला मैदान में बाजार चलाने की सलाह दी है, जब तक टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो जाता और उनके लिए एक स्थायी वैकल्पिक स्थान नहीं मिल जाता है, लेकिन विक्रेताओं ने इनकार कर दिया. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि ये लोकप्रिय बाजार दोबारा चालू हो सके. बता दें कि पुरानी दिल्ली के डिलाइट सिनेमा ओर गोलछा सिनेमा के बीच चलने वाला बाजार पिछले साल जनवरी में भी अस्थायी रूप से बंद हो गया था.