नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें जैन समुदाय के संथारा प्रथाको आत्महत्या करार देते हुए इसे बंद करने का फैसला बरकरार रखा गया था.
सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें संथारा प्रथा को भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि जैन समुदाय के सदस्य यदि संथारा को बढ़ावा या प्रोत्साहन देते हैं, तो इसे आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा.
साल 2006 में ‘संथारा’ की वैधता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका दायर करने वाले के वकील ने ‘संथारा’, जो कि अन्न जल त्याग कर मृत्यु पर्यंत उपवास है, को जीवन के अधिकार का उल्लंघन बताया था.
IANS