ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर व्यापक समझौते की रूपरेखा तैयार करने को लेकर स्विट्जरलैंड के शहर लौसेन में ईरान तथा दुनिया की छह महाशक्तियों के बीच हुई मैराथन वार्ता के बाद बनी सहमति का भारत ने स्वागत किया है.
नई दिल्ली. ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर व्यापक समझौते की रूपरेखा तैयार करने को लेकर स्विट्जरलैंड के शहर लौसेन में ईरान तथा दुनिया की छह महाशक्तियों के बीच हुई मैराथन वार्ता के बाद बनी सहमति का भारत ने स्वागत किया है. विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि यह सहमति इस बात को भी प्रदर्शित करती है कि किसी भी समस्या का समाधान कूटनीतिक माध्यमों से तथा बातचीत के जरिये किया जा सकता है, जिसका भारत हमेशा से समर्थन करता रहा है.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, “भारत, लौसेन में ईरान तथा पी5+1 समूह (ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, रूस, चीन और जर्मनी) के बीच परमाणु मुद्दे पर बनी सहमति का स्वागत करता है. यह 30 जून तक समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
बयान के मुताबिक, “भारत ने हमेशा कहा है कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के ईरान के अधिकार का सम्मान करते हुए ईरान के परमाणु मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए. ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के भी हित में है. समझौते की रूपरेखा तैयार करने को लेकर बनी सहमति के बारे में कल (गुरुवार) हुई घोषणा कूटनीतिक माध्यमों एवं वार्ता की सफलता का प्रतीक है, जिसका भारत ने हमेशा ही समर्थन किया है. हमें उम्मीद है कि यह सहमति 30 जून तक एक व्यापक समझौते का रूप ले लेगी.”
गौरतलब है कि इस सहमति के तहत ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम सीमित करने के लिए तैयार हो गया है, जिसके बदले अन्य देशों ने उस पर आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने पर सहमति दे दी है.