Rajasthan Mob Lynching Honour Killing Bill: राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के खिलाफ कानून बनाने जा रही है. अशोक गहलोत सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग को संगीन और गैर-जमानती अपराध घोषित करने के लिए दो बिल पेश किए हैं. इन दोनों बिल में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
नई दिल्ली. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में लिंचिंग और ऑनर किलिंग के खिलाफ बिल पेश किए हैं. इन बिल में मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग को संगीन और गैर-जमानती अपराध बनाए जाने का प्रावधान है. साथ ही इन अपराधों में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान होगा. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इन दोनों बिल को को सदन में चर्चा के लिए पेश किया है. पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट ने ऑनर किलिंग के खिलाफ विधेयक को मंजूरी दी थी.
ऑनर किलिंग कानून बनने के बाद राजस्थान में खाप पंचायतों पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है. आए दिन राज्य में ऑनर किलिंग के केस आते रहते हैं और कई निर्दोषों की हत्या कर दी जाती है.
वहीं दूसरी तरफ पूर्वी राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले से मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं आ चुकी हैं. अब राजस्थान सरकार ने मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के खिलाफ कठोर कानून बनाने का फैसला लिया है और इस पर बिल भी विधानसभा में पेश कर दिया है.
राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक 2019 के मुताबिक मॉब लिंचिंग की घटना में लिप्त व्यक्ति के दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा और न्यूनतम एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं यदि लिंचिंग के दौरान पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो जाता है तो दोषियों को 10 साल की जेल होगी. यदि मॉब लिंचिंग की घटना में पीड़ित की मौत हो जाती है तो दोषियों को आजीवन कारावास और अधिकतम 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
इसी तरह राजस्थान के ऑनर किलिंग विधेयक में भी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान किया गया है. इस बिल में यदि किसी प्रेमी युगल की उसके परिवार, रिश्तेदार और समाज के लोगों द्वारा हत्या कर दी जाती है या फिर उन्हें प्रताड़ना देकर नुकसान पहुंचाया जाता है तो दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास के साथ ही 5 लाख रुपये तक का दंड दिया जाएगा.