Google Doodle on Dr. Muthulakshmi Reddy Birth Anniversary: भारत की पहली महिला डॉक्टर और विधायक मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 30 जुलाई यानी आज 133वीं जयंति के अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. वहीं तमिलनाडू सरकार उनकी याद में 30 जुलाई को हर साल ''हॉस्पिटल दिवस'' के रूप में मनाएगी.
नई दिल्ली. देश की आजादी में अंग्रेजी के हकुमत के खिलाफ आवाज बुंलद करने वालीं देश की पहली महिला विधायक और डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 30 जुलाई यानी आज 133वीं जयंति है. इस मौके पर गूगल ने भी शानदार डूडल बनाकर मुथुलक्ष्मी रेड्डी को याद किया है. सिर्फ डॉक्टर और विधायक ही नहीं मुथुलक्ष्मी देश में लड़कों के स्कूल में दाखिला लेने वाली पहली महिला थीं. मुथुलक्ष्मी ने जीवनभर महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई की और दबी हुई आवाजों को उठाने की कोशिश की. डॉक्टर मुथुलक्ष्मी के योगदान को देखते हुए तमिलनाडू सरकार ने उनके 133वीं जयंति के अवसर पर फैसला किया है कि राज्य में 30 जुलाई को हर साल ”हॉस्पिटल दिवस” के रूप में मनाया जाएगा.
जानिए कौन थीं पहले महिला डॉक्टर और विधायक मुथुलक्ष्मी
डॉक्टर मुथुलक्ष्मी का जन्म तमिलनाडू के चेन्नई में हुआ. उनके पिता नारायण स्वामी चेन्नई के महाराजा कॉलेज में बतौर प्रिंसिपल कार्यरत थे. उस समय लड़कियों की पढ़ाई लिखाई को ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती है. ऐसे में मुथुलक्ष्मी की मां चंद्रमाई ने समाज के तानों के बावजूद उन्हें शिक्षा दिलाई. हालांकि, मुथु ने भी अपने परिवार को निराश नहीं किया और देश में पहली महिला डॉक्टर बनकर कम उम्र में ही कभी न मिटने वाला इतिहास रच दिया.
मेडिकल ट्रेनिंग के दौरान मुथुलक्ष्मी की मुलाकात कांग्रेस नेता और क्रांतिकारी सरोजिनी नायडू से हुई जिसके बाद उन्होंने देश की आजादी और महिलाओं के अधिकारों को लेकर अपनी लड़ाई शुरू की. इस दौरान उन्हें इंग्लैंड में जाकर पढ़ाई करने का मौका भी मिला लेकिन उन्होंने इस छोड़कर वूमेंस इंडियन असोसिएशन के लिए काम करना शुरू किया. साल 1927 में वे मद्रास लेजिस्लेटिव काउंसिल से देश की पहली महिला विधायक बनीं.
समाज में महिलाओं के हित में किए गए कार्यों को देखते हुए मुथु को काउंसिल में जगह दी गई. साल 1956 में डॉक्टर मुथुलक्ष्मी को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 22 जुलाई 1968 को मुथुलक्ष्मी बेशक दुनिया को अलविदा कह गईं. लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.