Gram Uday se Bharat Uday Abhiyan: भारत की 60 फीसद से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है. ग्रामीण जन-जीवन के सामाजिक, आर्थिक एवं लोकतांत्रिक मूल्य देश के विकास की नींव हैं. गांव के विकास के मकसद से पीएम मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को ग्राम उदय से भारत उदय अभियान को शुरु किया था. सामाजिक सद्भावना को बढ़ाना, फसल बीमा योजना, मृदा कार्ड आदि के बारे में जानकारी देकर कृषि को बढ़ावा देना था.
नई दिल्ली.Gram Uday se Bharat Uday Abhiyan: पहली बार 2014 में केंद्र में आने के बाद मोदी सरकार ने किसानों, गांव के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की. इसी कड़ी में 14 अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने ग्राम उदय से भारत उदय अभियान की शुरुआत की. आपको बता दें कि 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है और इसी दिन उनकी 125वीं जयंती पर पीएम मोदी ने भीम राव अंबेडकर के पैतृक गांव महू (मध्य प्रदेश) पहुंचकर इस अभियान का आगाज किया. ग्राम उदय से भारत उदय अभियान को देश के तमाम गांव में सामाजिक सद्भाव बढ़ाने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और गरीबों के पालक किसानों के कल्याण एवं आजीविका को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है.
सरकार की ओर से चलाए गए ग्राम उदय से भारत उदय अभियान का खास मकसद गांव में पंचायती राज व्यवस्था को मजूबत करना है. इस अभियान के तहत समाजिक समरसता, महिलाओं का सशक्तिकरण और किसानों के जीवन शैली में सुधार लाने की कोशिश की गई. साल 2016 में 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए और 24 अप्रैल यानी कि पंचायतिराज दिवस के मौके पर जमशेदपुर में पीएम मोदी की रैली के साथ इस अभियान का समापन हुआ. किसानों के लिए चलाई जा रहीं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को इस अभियान दौरान किसानों को बताया गया.
ग्राम उदय से भारत उदय 14 से 24 अप्रैल 2016 तक केंद्र सरकार द्वारा राज्यों एवं पंचायतों के सहयोग से चलाया गया. अभियान का मुख्य मकसद गांव में पंचायती राज को बेहतर बनाना, किसानों की प्रगति और अनुसूचित जाति/ जनजाति के लोगों की जीवन में सुधार लाना है. इस अभियान के तहत देशभर में तीन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. ये तीन कार्यक्रम इस प्रकार हैं.
1-सामाजिक समरसता कार्यक्रम: इस कार्यक्रम का आयोजन सभी ग्राम पंचायतों में किया गया. इस कार्यक्रम में ग्रामीणों ने डॉ. भीम राव अम्बेडकर का सम्मान किया और सामाजिक सद्भाव को मजबूत बनाने का संकल्प लिया. सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की विभिन्न स्कीमों से संबंधित सूचना भी उपलब्ध कराई गई.
2-ग्राम किसान सभा: इस कार्यक्रम का लक्ष्य खेती-किसानी को बढ़ावा देना था. इस कार्यक्रम के दौरान किसानों को उनसे संबंधित कई योजनाओं जैसे- फसल बीमा, सामाजिक स्वास्थ्य कार्ड योजना आदि के संबंध में बताया गया. साथ ही कैसे वह अपनी खेती में सुधार ला सकते हैं उसके भी सुझाव दिए गए. छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं हिमाचल प्रदेश की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों की आदिवासी महिला ग्राम पंचायत प्रधानों की राष्ट्रीय बैठक विजयवाड़ा में आयोजित की गई जिसका मुख्य विषय पंचायत और जनजातीय विकास था.
3- ग्राम सभा: 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाने के लिए हर गांव की पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय, आर्थिक विकास के लिए पंचायती के लिए जो राशि आती है उसका सही उपयोग हो सके. जमशेदपुर (झारखंड) में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम के आयोजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के ग्राम सभाओं को संबोधित किया, जिसे देश के सभी गांवों के लोग इकट्ठा होकर सुना. इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से करीब 3000 पंचायत प्रतिनिधि हिस्सा लेने पहुंचे.
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