Triple Talaq Bill Passed In Lok Sabha: तीन तलाक बिल लोकसभा में गुरुवार 25 जुलाई को चौथी बार पेश किया गया और पक्ष-विपक्ष के मसले पर सांसदों के बीच जमकर बहस हुई. तीन तलाक बिल के पक्ष में 303 वोट और विपक्ष में 83 वोट पड़े. इस तरह लोकसभा ने एक बार फिर तीन तलाक बिल पास कर दिया. वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के संशोधन की मांग खारिज कर दी गई. जहां कानून मंत्री ने ट्रिपल तलाक बिल को असंवैधानिक बताया, वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा कि इस्लाम में शादी जन्म-जन्म का रिश्ता नहीं है और शादी को कॉन्ट्रैक्ट माना जाता है. तीन तलाक बिल का एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू के साथ ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कई दल को सांसदों ने विरोध किया. जानें तीन तलाक बिल पर सदन में किसने क्या कहा.
नई दिल्ली. Triple Talaq Bill Debate In Lok Sabha: तीन तलाक बिल एक बार फिर गुरुवार 25 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया. तीन तलाक बिल के पक्ष में 303 वोट और विपक्ष में 83 वोट पड़े. इस तरह लोकसभा ने एक बार फिर तीन तलाक बिल पास कर दिया. वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के संशोधन की मांग खारिज कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल और बीजेपी के सत्ता में रहते पिछले 6 साल में चौथी बार तीन तलाक की विवादित प्रथा और प्रैक्टिस को असंवैधानिक बनाने की दिशा में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया है. गुरुवार सुबह कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश करते हुए तीन तलाक प्रथा को असंवैधानिक बताया और सरकार की तरफ से पक्ष रहा, जिसका मोदी सरकार के सहयोगी यानी एनडीए का हिस्सा रही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू समेत कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने कड़ा विरोध किया.
जेडीयू ने तो तीन तलाक विधेयक के मसले पर सदन से वॉकआउट किया. वहीं लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर जमकर बहस हुई जिसमें रविशंकर प्रसाद, आजम खान, असदुद्दीन ओवैसी, जेडीयू सांसद राजीव रंजन चौधरी समेत कई लोगों ने पक्ष-विपक्ष में अपनी बातें रखीं.
Union Minister Ravi Shankar Prasad in
Lok Sabha: After Supreme Court judgement on triple talaq, 345 cases of triple talaq have come to light till 24th July 2019. https://t.co/tLdfqAFIRu— ANI (@ANI) July 25, 2019
तीन तलाक पर चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दुनिया के 22 देशों में तीन तलाक बैन है और हमारे यहां सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है. प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बेटियों के नाम पर योजना बनाई. कानून मंत्री ने कहा कि तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए चीफ जस्टिस ने भी कानून बनाने की बात कही, क्योंकि तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है. उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दिया गया, इसलिए इसमें कड़ी सजा का प्रावधान हो. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाना हमारा काम है और हम मुस्लिम महिलाओं को इग्नोर नहीं कर सकते.
Janata Dal(United) opposes #TripleTalaqBill, in Lok Sabha. JDU MP Rajiv Ranjan Singh says 'this bill will create distrust in a particular community, our party will not support this bill' pic.twitter.com/C8Pm16iZww
— ANI (@ANI) July 25, 2019
वहीं तीन तलाक के मसले पर चर्चा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में शादी जन्म-जन्म का रिश्ता नहीं है और इस्लाम में शादी को कॉन्ट्रैक्ट माना जाता है. ओवैसी ने कहा कि देश में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि कानून मंत्री इस्लामिक देशों की मिसाल न दें, क्योंकि इस्लामिक देशों की देखा-देखी से कट्टरवाद बढ़ेगा. एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि तीन तलाक कानून महिलाओं पर जुल्म करने जैसा है. वहीं जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि तीन तलाक बिल समाज के एक खास वर्ग के मन में अविश्वास की भावना पैदा करेगा, इसलिए हड़बड़ी में कोई काम करने की जरूरत नहीं है. कानून बनाकर हम पति-पत्नी के आपसी रिश्ते को तय नहीं कर सकते.