National Medical Commission Bill Introduced in Lok Sabha: 63 साल पुराने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया MCI की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन NMC को लाने की सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है. सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस विधेयक को पेश किया. अब पीजी कोर्स में दाखिले किए लिए एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए कॉमन टेस्ट को आधार बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. नेशनल मेडिकल कमीशन में 29 सदस्य होंगे, जिसमें से 20 को नोमिनेशन और 9 सदस्यों को चुनाव के जरिये चुना जाएगा.
नई दिल्ली. National Medical Commission Bill Introduced in Lok Sabha: संसद में सोमवार को 63 साल पुराने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया MCI को हटाकर नेशनल मेडिकल कमीशन NMC लाने के लिए बिल पेश किया गया. बिल को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोकसभा में पेश किया. नेशनल मेडिकल कमीशन बिल को देश में चिकित्सा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए पेश किया गया है. सरकार ने बिल में मेडिकल शिक्षा, चिकित्सा वृति और मेडिकल संस्थाओं के विकास और नियमन के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) गठित करने का प्रावधान किया है. बिल के मुताबिक इसमें नेशनल मेडिकल कमीशन में 29 सदस्य होंगे, जिसमें से 20 को नोमिनेशन और 9 सदस्यों को चुनाव के जरिये चुना जाएगा.
सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की ओर से नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पेश किया गया है. इस बिल में देश की मेडिकल शिक्षा को एक समान बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. साथ ही मेडिकल में आगे की पढ़ाई यानी कि पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए नीट को खत्म करने की भी बात कही गई है. सरकार ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि पीजी कोर्स में दाखिले किए लिए एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए कॉमन टेस्ट को आधार बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. इस स्क्रीनिंग टेस्ट का नाम नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) रखा जाएगा. इस परीक्षा को पास करने के बाद ही डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस मिलेगा. साथ ही विदेशी छात्रों को भी NEXT परीक्षा पास करनी होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन के गठन होते ही प्रस्तावित नेशनल एग्जिट टेस्ट शुरू नहीं किया जाएगा. इसे कमीशन के गठन के तीन साल के भीतर शुरू किया जाएगा. परीक्षा की पुरानी व्यवस्था ही कायम रहेगी
नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में पीजी और यूजी कोर्स की सीटों में 50 फीसद सीटों के लिए फीस पर नियंत्रण का भी प्रस्ताव रखा गया है. विधेयक में आयोग को सलाह देने और सिफारिशें करने के लिए एक आयुर्विज्ञान सलाहकार परिषद के गठन का भी प्रस्ताव है. नेशनल मेडिकल कमीशन बनने के बाद आयुर्वेद और होम्योपैथिक के डॉक्टर भी प्राथमिक स्तर पर एलोपैथी की प्रैक्टिस कर सकेंगे. इसके लिए आयोग उन्हें बतौर कम्यूनिटी हेल्थ प्रोवाइडर लाइसेंस जारी करेगा. हालांकि इन लाइसेंस की संख्या रजिस्टर्ड एमबीबीएस डॉक्टरों की कुल संख्या के एक तिहाई से कम होगी.
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