Migrane In Early Puberty Girls: एक रिसर्च के जरिए पता चला कि कम उम्र में ज्यादा शारीरिक विकास प्यूबर्टी वाली लड़कियों को भी माइग्रेन सिरदर्द होने की अधिक संभावना हो सकती है. शोधकर्ताओं ने बताया कि माइग्रेन से पीड़ित लड़कियों में बिना माइग्रेन वाले लोगों की तुलना में कम उम्र में ही स्तन दर्द (स्तन विकास) और मेनार्चे (मासिक धर्म) की शुरुआत हो जाती है.
नई दिल्ली. भारत में कुल आबादी की 1.4 से 2.2 प्रतिशत माइग्रेन से पीडित है. जिसमें महिलाओं का प्रतिशित अधिक है. माइग्रेन एक दीर्घकालीन नयूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें बार-बार सिर में धीमे से लेकर काफी तेज सर दर्द होता है. इसके कई अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं. हाल ही में एक अध्यन में पता चला कि जल्दी युवावस्था में आनेवाली किशोरियां को भी माइग्रेन सिरदर्द विकसित होने की अधिक संभवाना होती है. पिछली रिसर्च में पता चला था कि किशोर लड़कियों में मासिक धर्म के दौरान मासिक धर्म चक्र की शुरुआत के साथ माइग्रेन अक्सर शुरू होता है.
बच्चों के युवावस्था में आने के बाद लड़कों की तुलना में अधिक लड़कियों को माइग्रेन होता है
अमेरिकी सिरदर्द सोसायटी में प्रस्तुत अध्ययन के अनुसार, स्कूली बच्चों में से लगभग 10 प्रतिशत बच्चे माइग्रेन से पीड़ित हैं. किशोरावस्था के करीब आते ही लड़कियों में माइग्रेन की घटनाओं में तेजी से वृद्धि होती है और 17 साल की उम्र तक लगभग 8 प्रतिशत लड़कों और 23 प्रतिशत लड़कियों को माइग्रेन का अनुभव होता है. रिसर्चर विंसेंट मार्टिन का कहना है कि “हम जानते हैं कि जिन लड़कियों और लड़कों में माइग्रेन होता है, उनमें मासिक धर्म शुरु होने तक महिलाओं का प्रतिशत बहुत अधिक होता है.
रिसर्च में 16 की औसतन आयु वालों का सर्वेक्षण पूरा किया. उन सर्वेक्षणों में 85 लड़कियों (11%) को माइग्रेन के सिरदर्द का पता चला थ, जबकि 53 (7%) में एक संभावित माइग्रेन थी और 623 (82%) में किसी को माइग्रेन नहीं था. शोधकर्ताओं ने पाया कि माइग्रेन से पीड़ित लड़कियों में बिना माइग्रेन वाले लोगों की तुलना में कम उम्र में ही स्तन दर्द (स्तन विकास) और मेनार्चे (मासिक धर्म) की शुरुआत हो जाती है. औसतन माईग्रेन वाली किशोरियों में स्तन विकास चार महीने हुआ, जबकि मासिक धर्म पांच महीने पहले शुरू हुआ. वहीं माइग्रेन और बिना माइग्रेन वाले लोगों के बीच प्यूबार्चे (जघन बाल विकास) की उम्र में कोई अंतर नहीं था.
मार्टिन ने कहा कि यह माइग्रेन की बिग बैंग थ्योरी हो सकती है. हर लड़की में अलग-अलग हार्मोन दिखाई देने लगते हैं. प्यूबर्टी के दौरान, टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन मौजूद होते हैं और पेट में दर्द होता है. एस्ट्रोजन के लिए पहला जोखिम. मेनार्चे तब होता है जब एक अधिक परिपक्व हार्मोनल पैटर्न उभरता है. हमारे अध्ययन से पता चलता है कि एस्ट्रोजन के लिए पहला पहला एक्सपोजर कुछ किशोर लड़कियों में माइग्रेन के लिए शुरुआती बिंदु हो सकता है.
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