Guru Purnima 2019 Date Calendar: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष स्थान है. आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा 51 जुलाई को है. हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. महाभारत और 18 पुराणों के रचियता वेद व्यास का जन्म भी गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था. हिंदू धर्म में वेद व्यास को आदि गुरु माना जाता है. इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
नई दिल्ली. Guru Purnima 2019 Date Calendar: हिंदू धर्म ग्रंथों में गुरू का स्थान ईश्वर से भी श्रेष्ठ माना जाता है. कहा ये जाता है कि अगर भगवान रूठ जाए तो गुरू की शरण में जाना चाहिए. लेकिन अगर गुरू रूठ जाए तो उसे भगवान भी नहीं मना सकते. इसलिए गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ है. इस बार गुरु पूर्णिमा 15 जुलाई को है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ महाभारत और 18 पुराणों की रचना करने वाले वेद व्यास की पूजा गुरु पूर्णिमा के की जाती है. वेद व्यास को आदि गुरु माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि वेद व्यास का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
प्रत्येक आसाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन दिन अपने गुरू की पूजा की जाती है. देशभर में गुरु पूर्णिमा का त्योहार पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. प्राचीन समय में जब शिष्य आश्रम में जाकर गुरू के पास शिक्षा ग्रहण करते थे तो इसी दिन पूरी श्रद्धा से गुरू की पूजा भी करते थे. खास बात ये है कि गुरु पूर्णिमा के दिेन गुरु की नहीं बल्कि माता- पिता, भाई, बहन आदि को गुरु समान मानकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है.
व्यास पूर्णिमा
गुरू पूर्णिमा के दिन हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक महाभारत के रचियता वेद व्यास का जन्म हुआ. उन्हें संस्कृत भाषा का महान विद्वान माना गया. वेदों को विभाजित करने का श्रेय वेद व्यास को ही दिया जाता है. इसी कारण इनका नाम वेद व्यास पड़ा. वैसे वेद व्यास को कृष्ण द्वैपायन व्यास कहा जाता था. वेद व्यास को आदि गुरु कहा जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा कहा जाता है.
गुरु पूर्णिमा को क्या करें
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः काल घर की सफाई करनी चाहिए. स्नानादि कर दैनिक क्रिया से निवृत्त हो जाएं. इस दिन वस्त्र, फल, फूल और अर्पण कर गुरु को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए. विद्यार्थियों के लिए ये दिन काफी कल्याणकारी माना जाता है. इसके अलावा ये दिन गुरु का ही नहीं बल्कि माता-पिता और भाई बहन के लिए महत्वपूर्ण है.
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