Karnataka HD Kumarswamy Govt Crisis: कर्नाटक में बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा का ऑपरेशन कमल रंग दिखा रहा है. कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की एचडी कुमारस्वामी सरकार पर संकट गहरा गया है. कांग्रेस के 2 विधायकों के सोमवार के इस्तीफे के बाद शनिवार को आज कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 कुल 13 और विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया हैं. अगर इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी क्योंकि 15 इस्तीफे के बाद 224 सदस्यों की विधानसभा में 209 विधायक ही बचेंगे और तब बीजेपी के 105 विधायक बहुमत के लिए काफी होंगे. कांग्रेस, जेडीएस, बीएसपी और निर्दलीय मिलकर भी 104 पर रह जाएंगे. इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिका यात्रा पर गए कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी अगले 12 घंटे के अंदर अमेरिका से लौट सकते हैं.
बेंगलुरु. Karnataka HD Kumaraswamy Govt Crisis: कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और एचडी कुमारस्वामी की सरकार कभी भी अल्पमत में आ सकती है. बीजेपी के ऑपरेशन कमल का असर दिख रहा है. शनिवार की दोपहर कांग्रेस के 10 विधायक और जेडीएस के 3 विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया. 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल जेडीएस के 37 और कांग्रेस के 77 सदस्य हैं. कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 79 विधायक, जेडीएस के 37 और बीजेपी के 105 विधायक थे. कांग्रेस के 2 विधायकों ने सोमवार को इस्तीफा दिया था. अब अगर कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार के पास महज 104 विधायक (2 निर्दलीय और एक बीएसपी विधायक समेत) बच जाएंगे और इस तरह कांग्रेस-जेडीएस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी.
शनिवार को कांग्रेस और जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि मैंने अपने ऑफिस मेंं बोल दिया है कि इन विधायकों का इस्तीफा पत्र ले लें और एकनॉलेजमेंट दे दें. रमेश कुमार ने कहा कि रविवार को छुट्टी है इसलिए मैं सोमवार को इस मामले पर फैसला सुनाऊंगा. अब बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के पास सरकार बनाने का मौका हो सकता है. कांग्रेस और जेडीएस के कुल 15 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सदन की क्षमता 209 हो जाएगी और तब बीजेपी के 105 विधायक बहुमत में होंगे और सरकार बना सकेंगे.
Karnataka Assembly Speaker Ramesh Kumar: I was supposed to pick up my daughter that is why I went home, I have told my office to take resignations and give acknowledgement. that 11 members resigned .Tomorrow is leave so I will see them on Monday. (file pic) pic.twitter.com/k4WQ2t0Wev
— ANI (@ANI) July 6, 2019
कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी फिलहाल अमेरिका में हैं और जाने से पहले उन्होंने कहा था कि कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार को खतरा नहीं है. जो विधायक कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफा देने पहुंचे हैं, उनमें कांग्रेस के महेश कुम्थली, बीसी पाटिल, रमेश जर्कीहोली, शिवराम हेब्बर, प्रताप गौड़ा, सोमाशेखर, मुनिरत्ना, बिराथी बसवराज, रामालिंगा रेड्डी और जेडीएस के एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और गोपालिया हैं. ये विधायक स्पीकर ऑफिस में बैठे हैं और इन्होंने अपना फोन भी बंद कर रखा है. स्पीकर फिलहाल अपने ऑफिस में नहीं है, इसलिए कांग्रेस और जेडीएस के विधायक उनका इंतजार कर रहे हैं. इस बीच कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख नेता डीके शिवकुमार स्पीकर ऑफिस पहुंच चुके हैं और मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और जेडीएस के एक भी विधायक इस्तीफा नहीं देंगे. कांग्रेस के रामलिंगा रेड्डी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफा देने पहुंचे हैं.
Karnataka State minister D. K. Shivakumar: Nobody will resign, I had come to meet them(8 Congress& 3 JDS MLAs who had reached Assembly speaker office) pic.twitter.com/cwGVK895jx
— ANI (@ANI) July 6, 2019
Bengaluru: Five Congress MLAs and three JDS MLAs, including Ramesh Jarkiholi,H Vishwanath, Pratap Gowda Patil arrive to meet Karnataka assembly speaker KR Ramesh Kumar. pic.twitter.com/ky5W6Kx9UO
— ANI (@ANI) July 6, 2019
कैसे गिर सकती हैं कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की कांग्रेस जेडीएस गठबंधन सरकार
कर्नाटक विधानसभा में 224 विधायक की क्षमता है और उसमें इस वक्त 105 एमएलए बीजेपी के हैं जबकि कांग्रेस के 79 और जेडीएस के 37. कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार को बीएसपी के एक और दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है. इसी सोमवार को कांग्रेस के 2 एमएलए रमेश झारकिहोली और आनंद सिंह के विधानसभा से इस्तीफे के बाद सदन क्षमता 222 पर आ गई थी. शनिवार को कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक असेंबली से इस्तीफा देने स्पीकर के पास पहुंचे हैं. इनके इस्तीफे के बाद सदन 209 पर आ जाएगा. गठबंधन के ये 13 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास जमे हैं. इनके 2 इस्तीफे के बाद बीएसपी और निर्दलीय का समर्थन भी काम नहीं आएगा और कुमारस्वामी सरकार गिर जाएगी क्योंकि उनके पास मात्र 104 विधायकों का समर्थन बचेगा जो बीजेपी के 105 से नीचे होगा.
Bengaluru: 8 Congress& 3 JDS MLAs at Assembly speaker office (earlier visuals) #Karnataka pic.twitter.com/Uzb7YY64ev
— ANI (@ANI) July 6, 2019
कर्नाटक में बीजेपी के ऑपरेशन कमल से फिर से कैसे सरकार बना सकते हैं बीएस येदियुरप्पा
कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा और बीजेपी के ऑपरेशन कमल का कमाल जारी रहा तो बहुत जल्द दक्षिण भारत में बीजेपी सरकार की वापसी हो जाएगी. कांग्रेस के पहले के दो इस्तीफे और आज कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद सदन की क्षमता 209 पर आ जाएगी और बीजेपी खुद ब खुद बहुमत में आ जाएगी. कुल 15 विधायकों के इस्तीफे बाद 224 विधायकों के सदन में 209 विधायक बचेंगे और तब बहुमत के लिए 105 विधायक काफी होंगे जितने बीजेपी के पास हैं. जेडीएस और कांग्रेस के अलावा बीएसपी और निर्दलीय मिलकर भी 104 होंगे जो सरकार बचाने के लिए नाकाफी होंगे. इन इस्तीफों के बाद कांग्रेस के 67 और जेडीएस के 34 विधायक बचेंगे.
Congress MLA Ramalinga Reddy: I am not going to blame anyone in the party or the high command. I somewhere feel I was being neglected over some issues. That is why I have taken this decision https://t.co/MJJe04PqkW
— ANI (@ANI) July 6, 2019
भाजपा के पास विकल्प और भी हैं- कर्नाटक विधानसभा भंग हो और दोबारा चुनाव से बीजेपी बनाए सरकार
बीजेपी के पास कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए विकल्पों की कमी नहीं है. पहला विकल्प तो सामने जो दिख रहा है वो ऑपरेशन कमल ही है जिसके तहत 15 कांग्रेस, जेडीएस विधायक इस्तीफा कर दें और सदन में 209 की क्षमता पर 105 विधायकों के साथ बीजेपी और बीएस येदियुरप्पा सरकार बना लें. और फिर जब इन 15 सीटों पर उप-चुनाव हो तो उसमें बीजेपी कम से कम 8 सीट जीत ले. फिर बीजेपी के अपने 113 विधायक होंगे जो 224 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत से एक ज्यादा होगा.
GVL Narasimha Rao, BJP MP: Congress-JD(S) coalition has been rejected by people of Karnataka. Despite their coalition in Lok Sabha polls, BJP won a massive mandate. It clearly shows the mood of people. MLAs certainly seem to be facing brunt of public anger against coalition. pic.twitter.com/3ygVtW4PkX
— ANI (@ANI) July 6, 2019
भाजपा के पास कर्नाटक में वापसी और दक्षिण भारत में फिर सरकार बनाने का दूसरा विकल्प ये है कि बीजेपी इस सरकार को चुपचाप गिरने दे और विधानसभा भंग होने का इंतजार करे. या तो खुद सीएम विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दें या फिर राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति शासन के में विधानसभा चुनाव हो. बीजेपी इस विकल्प को पसंद कर सकती हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 में 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी को राज्य की 224 में 177 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी. मतलब राज्य की 177 सीटें बीजेपी जीतने की स्थिति में है जो ज्यादा मजबूत सरकार दिखेगी और दूसरी तरफ सरकार गिराने या खरीद-फरोख्त का आरोप भी नहीं लगेगा.