Article 15 Movie Review: आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 इस शुक्रवार 28 जून 2019 को बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने जा रही है. अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन में बनी आर्टिकल 15 एक रियलस्टिक ड्रामा बेस्ड मूवी है. फिल्म आर्टिकल 15 में आयुष्मान खुराना, ईशा तलवार, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अयूब लीड रोल में नजर आएंगे. यहां पढ़ें आर्टिकल 15 का फिल्म रिव्यू ...
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. Article 15 Movie Review: बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना का फिल्म आर्टिकल 15 कल शुक्रवार 28 जून को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. फिल्म आर्टिकल 15 रिलीज से पहले ही लगातार सुर्खियों में छाई हुई है. फिल्म आर्टिकल 15 को लेकर ब्राह्मण समाज पहले ही नाराजगी जाहिर कर चुका है. रिपोर्ट के अनुसार फिल्म आर्टिकल 15 बदायूं रेप और हत्या मामले पर आधारित है, जो कि सच्ची घटना पर बेस्ड है. आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 एक रियलस्टिक ड्रामा फिल्म है. अगर आप भी आयुष्मान खुराना की फिल्म देखने का मन बना रहे हैं तो यहां देखें आर्टिकल 15 का रिव्यू (Article 15 Movie Review in Hindi)
फिल्म – आर्टिकल 15
आर्टिकल 15 मूवी स्टार कास्ट – आयुष्मान खुराना, ईशा तलवार, सयानी गुप्ता मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अयूब
आर्टिकल 15 मूवी डायरेक्टर- अनुभव सिन्हा
आर्टिकल 15 मूवी समय अवधि – करीब 2 घंटे 28 मिनट
आर्टिकल 15 मूवी रिव्यू (Article 15 Movie Review)
फिल्म आर्टिकल 15 में लिंग और जातिगत भेदभाव को दिखाया गया है. फिल्म आर्टिकल 15 में दिखाया गया है कि कुछ लोग एक विशेष वर्ग को नीचा दिखाने के लिए उनकी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार करते हैं. इतना ही नहीं फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि बलात्कार करने के बाद कुछ लोग उन लड़कियों को मार कर पेड़ पर भी लटका देते हैं. गांव में बढ़ते इस अपराध को लेकर ये केस आयुष्मान खुराना को दिया जाता है. फिल्म में आयुष्मान खुराना आईपीएस अधिकारी अयान रंजन का किरदार निभा रहे हैं.
फिल्म में अयान रंजन को मध्य प्रदेश के लालगांव पुलिस स्टेशन का चार्ज दिया जाता है. फिल्म में अदिति यानि ईशा तलवार आयुष्मान खुलारा की माशूका का रोल प्ले कर रही हैं. आर्टिकल 15 में दिखाया गया है कि वहां एक फैक्ट्री से 3 दलित लड़कियां अचानक गायब हो जाती हैं. चौंकाने वाली बात यह भी होती है कि इन तीनों लड़कियों को लेकर पुलिस में गायब होने की कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं करवाई जाती है.
जब आयुष्मान खुराना इस बारे अपने पुलिस स्टेशन में काम करनेवाले मनोज पाहवा और कुमुद मिश्रा से पूछते हैं, तो उन्हें बताते हैं कि यहां ऐसा ही होता है. कई बार लड़कियां भाग जाती हैं और कई बार अपने मां बाप की तऱफ से ऑनर किलिंग का शिकार हो जाती हैं. लेकिन आयुष्मान खुराना उनकी इस बात पर यकीन नहीं करते हैं और अपने अंडर काम करने वालों के लापरवाह रवैये पर काफी गुस्सा भी होते हैं.
इस बीच आयुष्मान गांव में एक दलित लड़की यानि एक्ट्रेस सयानी गुुप्ता और गांव वालों की कुछ बातें सुन लेते हैं. जिससे उन्हें यकीन हो जाता है कि मामला कुछ औऱ ही है. आयुष्मान जब इस केस की तह तक पहुंचते हैं तो उन्हें जातिवाद भेदभाव की एक ऐसी भयानक और बदसूरत तस्वीर नजर आती है, जिसमें न सिर्फ कुछ लोग बल्कि कई बड़े से बड़े नेता भी शामिल नजर आते हैं. फिल्म में आयुष्मान समाज की इस गंदगी का पर्दाफाश करने में जुट जाते हैं. आगे की कहानी जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा…