Supreme Court on Bihar Encephalitis Deaths: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने दो वकीलों द्वारा दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है. मामले में दोनों राज्यों और केंद्र की सरकार को नोटिस जारी कर दिया गया है. बिहार के मुजफ्फरपुर में अभी तक लगभग 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी मीडिया के सामने अभी तक इस मुद्दे पर बात नहीं की है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य में बढ़ती इंसेफेलाइटिस मौतों पर बिहार सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को सात दिनों के भीतर एक हलफनामा दायर करने को कहा, जिसमें बच्चों की मौतों की जांच के लिए उठाए गए कदमों का विवरण दिया जाए. साथ ही राज्य को चिकित्सा सुविधाओं की पर्याप्तता, पोषण और स्वच्छता की स्थिति पर विवरण शामिल करने का निर्देश दिया है. ये निर्देश बिहार के साथ, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को भी दिए गए हैं.
वहीं राज्य सरकार ने कहा कि वह इस बीमारी को नियंत्रित करने में सक्षम है और सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि बच्चों को प्रभावित करने के लिए उचित दवा उपलब्ध कराने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान, एक वकील ने अदालत को सूचित किया कि ऐसी ही मौतें उत्तर प्रदेश में पहले हुई थीं. अदालत ने इस पर ध्यान दिया और उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts asking them to file affidavits within 7 days giving details of facilities dealing with public health, nutrition and sanitation, for treatment of children suffering from Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. pic.twitter.com/7eyytB2lQM
— ANI (@ANI) June 24, 2019
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडे के खिलाफ जांच के आदेश
मुजफ्फरपुर के चीज जुडिशियल मजिस्ट्रेट, सूर्यकांत तिवारी ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ इंसेफलाइटिस चमकी बुखार मामले में आपराधिक लापरवाही बरतने के मामले में दर्ज केस में जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 130 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के साथ केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन भी यहां का दौरा कर चुके हैं लेकिन स्थितियों में कोई सुधार नहीं आ सका. अब कोर्ट ने दोनों मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं.
Bihar: Muzaffarpur Chief Judicial Magistrate, Suryakant Tiwari orders investigation against Union Health Minister Dr Harsh Vardhan&Bihar Health Minister Mangal Pandey, in a case of negligence registered against them, in connection with deaths of children in Muzaffarpur due to AES pic.twitter.com/343Uds6yQd
— ANI (@ANI) June 24, 2019
जस्टिस संजीव खन्ना और बीआर गवई की पीठ ने केंद्र और उत्तर प्रदेश को भी नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता से संबंधित सुविधाओं के बारे में हलफनामा दायर करने को कहा है. मामले को 10 दिनों के बाद सुनवाई के लिए टाल दिया गया है.
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस के कारण अब तक 150 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी मीडिया के तीखे सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अब तक बिहार में हुई बच्चों की मौतों पर किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया है.