Rajasthan Barmer Pandal Collapse Mishap: राजस्थान के बाड़मेर में पंडाल गिरने से हुई 16 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन- आंधी, आयोजक या प्रशासन

Rajasthan Barmer Pandal Collapse Mishap: राजस्थान के बाड़मेर में तेज आंधी के बाद एक पंडाल गिर गया जिसकी वजह से 16 लोगों की मौत हो गई जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. पंडाल में रामकथा का आयोजन किया गया था जिसे सुनने करीब 700 लोग पहुंचे थे. पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख व्यक्त किया है.

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Rajasthan Barmer Pandal Collapse Mishap: राजस्थान के बाड़मेर में पंडाल गिरने से हुई 16 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन- आंधी, आयोजक या प्रशासन

Aanchal Pandey

  • June 23, 2019 7:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर में कथावाचक मुरलीधर से रामकथा सुनने पहुंचे करीब 700 लोगों को अंदाजा भी नहीं होगा कि कुछ ही देर में यहां भक्तों की आवाज चीख-पुकार में तब्दील हो जाएगी और अचानक आई आंधी 16 लोगों की जान ले जाएगी. हादसे से पहले रामकथा सुनाई जा रही थी कि अचानक तेज आंधी आ गई. कुछ ही देर में लोहे का पंडाल गिर गया जिसमें टूटे बिजली के तारों से करंट फैल गया. देखते ही देखते कई लोग करंट की चपेट में आ गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया. पंडाल गिरने के बाद मची भगदड़ में 50 से अधिक लोग घायल हो गए जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी और मेडिकल टीम मौके पर पहुंच गई है. पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत कई बड़े नेताओं ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने घटना को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई है. बाडमेर में हुआ यह हादसा कई सवाल भी खड़े कर रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि इस घटना में हुई सभी मौतों का आखिर असली जिम्मेदार कौन है- आंधी, आयोजक या प्रशासन.

दरअसल शुरुआत में हादसे की वजह तेज आंधी मानी जा रही थी लेकिन अब कई सवाल आयोजकों की ओर भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि रामकथा का आयोजन बिना प्रशासन की परमिशन लिए किया गया था. एक तो आयोजकों ने सिर्फ पतले और कमजोर लोहे का पंडाल लगाया, साथ में आपदा स्थिति निपटने के लिए किसी भी तरह की विशेष इंतजाम भी नहीं किए गए. फायर और पुलिस की ओर से भी कोई अनुमति नहीं ली गई.

यहां तक की सैंकड़ों लोगों के आयोजन में एक एंबुलेंस तक भी नहीं मौजूद थी. एक मंदिर के पास सरकारी स्कूल के खुले मैदान में 200 फीट बड़ा पंडाल सिर्फ पतले लोहे के खंभों पर लगा दिया गया. बिजली पहुंचाने के लिए कनेक्शन भी अस्थाई लिया गया. वहीं सवाल प्रशासन पर भी खड़ा हो रहा कि आखिर बिना परमिशन लिए आयोजकों ने रामकथा का आयोजन कैसे कराया और अगर कराया तो पुलिस या प्रशासन ने उसे रोकने की कोशिश क्यों नहीं की. सवाल बहुत हैं लेकिन शायद जवाब मिलना मुश्किल लगता है. ऐसे में अगर हम इस हादसे का जिम्मेदार सिर्फ तेज आंधी को ठहराते हैं तो गलत होगा.

हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रशासन या आयोजकों की गलती से लोगों की जान गई हो. इससे पहले 15 अक्टूबर 2016 को यूपी के वाराणसी में राजघाट ब्रिज पर एक धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचे जहां मची भगदड़ में 23 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए. वहीं 5 मई 2016 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान 7 श्रद्धालु इसी तरह कि बदइंतजामी का शिकार हुए तो 10 अप्रैल 2016 को केरल के एक मंदिर में आग लगने से 100 से ज्यादा श्रद्धालु मारे गए.

Rajasthan Barmer Pandal Collapse Mishap Live Updates: राजस्थान के बाड़मेर में तेज आंधी का कहर, पंडाल गिरने से 19 लोगों की मौत और 50 घायल, पीएम नरेंद्र मोदी- सीएम अशोक गहलोत ने जताया शोक, हाई लेवल मीटिंग बुलाई

Rajasthan Barmer Pandal Collapse Mishap: राजस्थान के बाड़मेर में तेज आंधी से गिरा पंडाल, करंट लगने से 19 लोगों की मौत, 50 घायल

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