Mayawati Appointed Danish Ali BSP Leader in Lok Sabha: लोकसभा चुनाव 2019 में अमरोहा सीट से जीत हासिल करने वाले कुंवर दानिश अली को बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा में अपना नेता बनाया है. जबकि जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव को उप नेता चुना गया है. वहीं मायावती के भाई आनंद एक बार फिर बसपा के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं, जबकि उनके बेटे और बसपा सुप्रीमो के भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव की सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़कर 10 सीट जीतने वाली मायावती की बसपा संगठन में बड़े फेरबदल हुए हैं. मायावती के भाई आनंद को एक बार फिर पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं अमरोहा सीट पर बहुजन समाज पार्टी का झंडा फहराने वाले कुंवर दानिश अली को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया है जबकि जौनपुर से बीएसपी सांसद श्वयाम सिंह यादव को लोकसभा में उप नेता बनाया गया है. वहीं चुनाव सभाओं के दौरान मायावती के साथ साए की तरह साथ दिखने वाले उनके भतीजे आकाश आनंद को बसपा का नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है. हालांकि आकाश आनंद के साथ-साथ रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी में फेरबदल का यह फैसला रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मायावती की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है. यूपी की 12 विधानसभाओं में होने वाले उपचुनाव से पहले संगठन की समीक्षा के लिए मायावती ने यह बैठक की थी. जिसमें बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी के साथ जोनल कॉर्डिनेटर और सभी जिलों के प्रभारी भी मौजूद रहे. सूत्रों की मानें तो बैठक में शामिल होने वाले सभी नेताओं के फोन, पैन कार की चाबी और बैग पहली ही जमा कर लिए गए.
Danish Ali has been elected as the leader of BSP in Lok Sabha. Anand Kumar appointed as the Vice President of the party. Akash Anand and Ramji Gautam to be the National Coordinator of BSP. pic.twitter.com/s5FvENI98u
— ANI (@ANI) June 23, 2019
बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी से यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन को मिली करारी हार के बाद मायावती ने गठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया. मायावती को चुनाव में 80 सीटों से 10 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सिर्फ 5 सीटों पर ही निबट गई. वहीं अजीत सिंह की रालोद को अपनी तीनों सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा. मायावती ने गठबंधन तोड़ते समय कहा कि सपा का वोटर बसपा कैंडिडेट के लिए ट्रांस्फर नहीं हुआ जबकि बसपा के वोटर ने समाजवादी पार्टी कैंडिडेट को पूरा समर्थन दिया. इसलिए पार्टी यूपी विधानसभा के होने वाले उप चुनाव में बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ेगी.