CJI Ranjan Gogoi Letter to PM Narendra Modi: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा लेटर, कहा- सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाई जाए और हाई कोर्ट में जजों की रिटायरमेंट उम्र 62 से 65 साल हो

CJI Ranjan Gogoi Letter to PM Narendra Modi:चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने की मांग की है. इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने हाईकोर्ट के जजों की उम्र को बढ़ाने की भी मांग की है. सीजेआई रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर जजों की संख्या को बढ़ाने और जजों की रिटारमेंट उम्र को 65 साल करने की मांग की है.

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CJI Ranjan Gogoi Letter to PM Narendra Modi: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा लेटर, कहा- सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाई जाए और हाई कोर्ट में जजों की रिटायरमेंट उम्र 62 से 65 साल हो

Aanchal Pandey

  • June 22, 2019 9:03 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. CJI Ranjan Gogoi Letter to PM Narendra Modi: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स में लंबित पड़े करीब 43 लाख केस को निपटाने के संबंध में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन पत्र लिखे हैं. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दो संवैधानिक संशोधनों को पारित करने की अपील की है. रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने (जो अभी 31 जज है) और जजों के रिटायरमेंट की उम्र को 62 साल से 65 साल करने को लेकर पीएम मोदी से अपील की है. अपने तीसरे पत्र में रंजन गोगोई ने संविधान के अनुच्छेद 128 और 224 A के तहत सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीशों के कार्यकाल की पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने की मांग की है, जिससे उन्हें वर्षों से लंबित पड़े मामलों को सौंपा जा सके.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने बताया कि सुप्रीम में एक दशक से अधिक समय के बाद ही 31 जजों की संख्या को पूरा कर लिया था, उसके पास 58,669 लंबित मामले पड़े हैं. इन मामलों में अभी और ज्यादा इजाफा हो रहा है. अपने पत्र में सीजेआई रंजन गोगोई ने बताया कि 25 मामले पिछले 25 साल, 100 मामले 20 साल, 593 मामले 15 साल और 4,977 मामले 10 साल से लंबित पड़े हैं.

अपने पत्र में साल 1988 का जिक्र करते हुए रंजन गोगोई ने बताया कि 30 साल पहले 1988 में सर्वोच्च न्यायालय के जजों की संख्या को 18 से बढ़ाकर 26 कर दिया गया था. उसके 20 साल बाद 2009 में भी जजों की संख्या को 31 (मुख्य न्यायाधीश को मिलाकर) कर दिया गया. CJI गोगोई ने कहा कि 2007 में 41,078 केस लंबित थे वहीं अब यह संख्या 58,669 पहुंच गई है. रंजन गोगोई ने लिखा, ‘मेरा आपसे अनुरोध है कि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या को बढ़ाने के लिए उचित रूप से विचार करें, जिससे कोर्ट कुशल और प्रभावी ढंग से काम कर सके.

हाइकोर्ट में जजों की रिटायरमेंट उम्र को लेकर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि उच्च न्यायालय में जजों की उम्र को 62 से बढ़ा कर 65 कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि देशभर में 24 हाईकोर्ट्स में 43 लाख से ज्यादा मामले पेंडिंग पड़े हैं. इन लंबित पड़े मामलों का सबसे बड़ा कारण है हाईकोर्ट में जजों की कमी होना. फिलहाल अभी 399 (37%) सैंकशन्ड जज के पद खाली पड़े हैं, जिन्हें जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए. हालांकि स्टेंडिंग कमेटी ने हाईकोर्ट के जजों की उम्र 62 से 65 साल और सुप्रीम कोर्ट के जजों की उम्र 65-67 साल करने का सुझाव दिया है.

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