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Paradise Papers: विदेशों में काला धन छुपाने वालों में 714 भारतीय, कई रसूखदार होंगे बेनकाब

इस खुलासे को पैराडाइज पेपर्स का नाम दिया गया है. बताया जा रहा है कि इनमें 714 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं

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  • November 5, 2017 6:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: नोटबंदी का एक साल पूरा होने वाला है और उससे पहले अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने काला धन और काला धन मैनेज करने वाली दुनियाभर की 19 ऐसी फर्मों के बारे में खुलासा किया है जो काले धन को फर्जी कंपनियों के जरिए दुनियाभर में इनवेस्ट करते हैं. इस लिस्ट में 714 ऐसे धनकुबेरों का नाम भी शामिल है जिन्होंने इन कंपनियों की मदद से दुनियाभर में अपने काले धन को इनवेस्ट किया. जांच में पता चला है कि ये कंपनियां भारत समेत दुनियाभर के रईसों को अपना काला धन एक देश से निकालकर दूसरे देश पहुंचाने में मदद करती हैं. इस खुलासे को पैराडाइज पेपर्स का नाम दिया गया है और इससे संबंधित एक करोड़ से ज्यादा डॉक्यूमेंट्स जर्मनी के अखबार सूडेयूटस्चे जीतियांग और इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट यानी (ICIJ) के पास मौजूद हैं जिन्होंने दुनियाभर के 96 मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर इन दस्तावेजों की जांच की है. करोड़ों की संख्या में मौजूद इन दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि जिन देशों 180 देशों के सबसे ज्याया लोगों ने काला धन देश से बाहर निकालने के लिए विदेशी कंपनियों का सहारा लिया है उनमें भारत का स्थान 19वां है.
 
गौरतलब है कि मोदी सरकार 8 नवंबर को एंटी ब्लैक मनी डे के तौर पर मनाने का फैसला कर चुकी है जबकि विपक्ष इसे काला दिवस के रूप में मनाने का एलान कर चुकी है. पिछले साल आठ नवंबर के ही दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने रात आठ बजे ये एलान किया था कि देश में 500 और 1000 के पुराने नोट बैन किए जा रहे हैं. पुराने नोट बदलने के लिए पीएम मोदी ने लोगों को 50 दिन यानी 30 दिसंबर तक का समय दिया था और इन पचास दिनों में देशभर में अफरा तफरी का माहौल रहा था. बैंकों के बाहर लंबी-2 कतारें नजर आईं थीं. ऐसे लोग जिनके घर शादियां थीं या इसी तरह की और समस्या थी उन्हें खास तौर पर उन दिनों खासी तकलीफ का सामना करना पड़ा था क्योंकि एक शख्स को 4 हजार रूपये तक ही बदलने की इजाजत दी गई थी.
 
नोटबंदी को लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा था. विपक्ष ने मोदी सरकार के इस फैसले को बड़ा घोटाला करार दिया था. इस बीच सरकार ने नोटबंदी के पक्ष में कई विज्ञापन निकाले और लोगों को ये समझाने की कोशिश की कि नोटबंदी से काला धन वापस आएगा. सिस्टम से ब्लैक मनी चली जाएगी जिसका सीधा फायदा जनता को ही होगा. देशभर में नोट बदलवानों के दौरान बैंकों के बाहर लगने वाली लंबी-लंबी कतारों के चलते करीब 150 लोगों की मौत भी हो गई थी.

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