October 31, 2017 4:27 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. आज देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बरसी है. इस मौके पर कांग्रेसी नेताओं ने इंदिरा गांधी की समाधिस्थल शक्ति स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. आज सुबह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी इंदिरा गांधी की सामाधि पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इससे पहले पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी को याद किया और उन्हें नमन भी किया. पीएम ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर संबोधिन के दौरान इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि का जिक्र किया.
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था. साल 1930 में आनंद भवन में फिरोज गांधी के साथ इनकी शादी हुई. वहीं 31 अक्टूबर 1984 को भारत की आयरन लेडी को कत्ल कर दिया गया।.भारत की आयरन लेडी के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री भी थीं. आज हम आपको बताने जा रहे है कि इंदिरा गांधी के बारे में कुछ ऐसी बातें, जो आपने पहले कभी नहीं सुनी या पढ़ी होंगी.
इंदिरा ने जली दी थी मनपसंद गुड़िया
इंदिरा गांधी की प्रतिभा बचपन से ही दिखने लगी थी. पांच साल की इंदिरा ने स्वदेशी आंदोलन से प्रभावित होकर अपनी सबसे पसंदीदा विदेशी गुड़िया जला दी थी.
परिवार के विरोध के बावजूद की फिरोज खान से शादी
इंदिरा गांधी ने अपने जिंदगी का सबसे कठिन फैसला 25 साल की उम्र में लिया. कांग्रेस और परिवार के विरोध से बावजूद फिरोज गांधी से शादी की.
गूंगी गुड़िया से दुर्गा (आयरन लेडी) बनने का सफर
इंदिरा ने जब राजनीति में प्रवेश किया तो वो हमेशा चुप रहती थीं. जिसके कारण विपक्ष उन्हें ‘गूंगी गुड़िया’ कहकर पुकारने लगा. लेकिन 1971 में पाकिस्तान के विभाजन के बाद नेताओं की उनके बारे में छवि बदल गई और उन्हें ‘दुर्गा’ कहा जाने लगा. यहीं दुर्गा एटमी परीक्षण के बाद ‘आयरन लेडी’ कहलाने लगीं.
अंधेरे से बहुत डरती थीं इंदिरा
इंदिरा गांधी को अंधेरे से बहुत डर लगता था. अपने इस डर के बारे में एक बार खुद कहा था कि “मुझे अंधेरे से डर लगता है, रात को बेडरूम तक जाने में डरती हूं. लेकिन मैंने निश्चय किया है इससे जल्द छुटकारा पाना है.”
नेहरु की इकलौती संतान नहीं थीं इंदिरा
काफी कम लोगों को पता है कि इंदिरा गांधी जवाहर लाल नेहरू की इकलौती संतान नहीं थीं. दिसंबर 1924 में उनकी मां कमला नेहरू ने एक बेटे को भी जन्म दिया था, लेकिन जन्म के कुछ महीने तक ही वह जीवित रहा.
PM रहते किए बड़े कारनामें
20 सूत्रीय कार्यक्रम
देश से गरीबी हटाने के कार्यक्रम की शुरुआत का श्रेय इंदिरा गांधी को ही जाता है. पीएम बनने के बाद इंदिरा ने देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से गरीबी हटाने के लिए 20 सूत्रीय कार्यक्रम की शुरूआत की. इस कार्यक्रम में ‘गरीबी हटाओ’, रोजगार, शिक्षा जैसे मुद्दे थे.
14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण
इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए. उन्होंने 1969 में 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उस समय के वित्तमंत्री मोरारजी देसाई ने भी इंदिरा के इस कदम का विरोध किया था. हालांकि बाद में वे मान गए थे.
कृषि और छोटे-मझोले उद्योगों को बढ़ावा
इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने के बाद बैंकों की 40 प्रतिशत पूंजी को प्राइमरी सेक्टर जैसे कृषि और मध्यम छोटे उधोगों में निवेश के लिए रखा. देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बैंक शाखाएं खोली गई. साल 1969 में 8261 शाखाएं थीं वहीं 2000 तक 65,521 शाखाएं हो गई.
राजशाही पर पाबंदी
आज़ादी से पहले देश में अंग्रेज़ों और राजा-महाराजाओं का शासन हुआ करता था. लेकिन आज़ादी के साथ ही सभी रियासतों को भारत में मिला लिया गया. संविधान में संशोधन करके प्रिवीपर्स खत्म कर राजाओं के अधिकार वापस ले लिए. राजाओं की रियासतों को भारत में मिलाने के एवज में उन्हें पैसा देना तय किया था. उन्होंने इसके लिए एक प्रस्ताव लोकसभा से 23 जून 1967 को पारित करवाया. हालांकि ये प्रस्ताव राज्यसभा में पास नहीं हो सका था. लेकिन राष्ट्रपति के सामने इस प्रस्ताव को रखने के बाद इसे स्वीकार की अनुमति मिली.
बांग्लादेश का निर्माण
1971 में पूर्वी पाकिस्तान की जनता ने सिविल वॉर शुरू कर दिया. पाक से परेशान 10 लाख रिफ्यूजी भारत आ गए थे. लेकिन भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद पाक सेना ने सरेंडर किया और बांग्लादेश अलग देश बना.
ऐसे फैसले जिन पर हुआ विवाद
आपातकाल-
25 जून, 1975 को इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी. इसके बाद अगले 21 महीनों तक देश भर में आपातकाल लागू रहा. विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को रातों-रात जेल में डाल दिया गया. प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया. इन सबका असर ये हुआ कि 1977 में हुए आम चुनाव में इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी की क़रारी हार हुई. आपातकाल को भारतीय इतिहास का काला अध्याय माना जाता है.
ऑपरेशन ब्लू स्टार-
सिख चरमपंथी नेता जरनेल सिंह भिंडरावाला के समर्थकों ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को अपना ठिकाना बना लिया था. इंदिरा गांधी की सरकार ने सेना को स्वर्ण मंदिर पर हमला करने का निर्देश दिया. एक जून, 1984 से आठ जून, 1984 तक चले इस अभियान में सैकड़ों लोग मारे गए.