पी चिदंबरम ने नोटबंदी को बताया सुनामी से भी बड़ी आपदा, कहा- अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नोटबंदी को सुनामी से भी बड़ी आपदा करार दिया है. मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी मानव रचित सबसे बड़ी आपदा थी.
October 28, 2017 1:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नोटबंदी को सुनामी से भी बड़ी आपदा करार दिया है. मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी मानव रचित सबसे बड़ी आपदा थी. उन्होंने ये भी कहा कि 2004 में आई सुनामी से भी इतना नुकसान नहीं हुआ जितना नुकसान नोटबंदी की वजह से हुआ. इससे पहले शनिवार को पी चिदंबरम ने ये भी सवाल उठाया कि अगर अर्थव्यवस्था अगर मजबूत है तो बैंकों में दोबारा पूंजीकरण करने की जरूरत ही क्यों पड़ी? पूर्व वित्त मंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी को वजह बताते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि साल 2014 के बाद से अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से गिरावट आई है.
नोटबंदी के उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए चिदंबरम ने कहा कि जिस काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी की गई वो अपने उद्देश्य को हासिल नहीं कर पाई. अलबत्ता नोटबंदी से छोटे और मध्यम रोजगार करने वालों की कमर तोड़ दी जिसकी वजह से नई नौकरियों का सृजन नहीं हो पा रहा. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि देश नोटबंदी से उभर भी नहीं पाया था कि सरकार ने लोगों पर जीएसटी लाद दिया. उन्होंने जीएसटी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जीएसटी में कई टैक्स स्लैब हैं तो इसे जीएसटी कहा ही नहीं जा सकता.
चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी गब्बर सिंह टैक्स का प्रतीक है क्योंकि जीएसटी के अंतर्गत किसी भी सामान या सेवा पर टैक्स 18 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीएटी बुरा नहीं है बल्कि जीएसटी कानून बुरा है. उन्होंने वैट का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2005-06 में हमने वैट शुरू किया था जिसका देश में कहीं भी विरोध नहीं हुआ क्योंकि हमने उसे बनाने में बहुत मेहनत की थी.