‘आधार’ की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार, 30 को होगी सुनवाई
आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं हैं. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका में सामाजिक कल्याण की कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य करने के केंद्र के फैसले का विरोध किया गया है. जस्टिस ए. के. सीकरी और अशोक भूषण की बेंच 30 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई करेगी.
October 27, 2017 2:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं हैं. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका में सामाजिक कल्याण की कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य करने के केंद्र के फैसले का विरोध किया गया है. जस्टिस ए. के. सीकरी और अशोक भूषण की बेंच 30 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई करेगी.
वरिष्ठ अधिवक्ता और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बताया कि सरकार की ओर से याचिका पहले ही दायर कर दी गई थी. अब 30 अक्टूबर को बेंच इस पर सुनवाई करेगी. बनर्जी ने बताया कि सरकार की ओर से आधार को अनिवार्य करने में उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिसमें जनता आधार कार्ड के बगैर कई सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाएगी.
इस मामले में अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए 25 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था आधार को लिंक करने की सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 कर दी गई है. वहीं जो लोग आधार कार्ड को बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर आदि से लिंक नहीं करवाना चाहते हैं, सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी और न ही उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित रखा जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में आधार कार्ड को मोबाइल नंबर से लिंक कराने की अनिवार्यता पर ममता बनर्जी ने कहा था कि वह किसी भी कीमत पर अपने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक नहीं करवाएंगी. उन्हें (सरकार को) नंबर बंद करना है तो कर दें. ममता बनर्जी ने अपना नंबर आधार से लिंक न कराने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही आप अपना नंबर आधार से लिंक करेंगे, उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा. घर में आप क्या खा रहे हैं. पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं. सब उन्हें पता चल जाएगा.’