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सुप्रीम कोर्ट में काफी समय बाद अंग्रेजी की जगह हिन्दी में हुई बहस, याचिकाकर्ता को राहत

गुरुवार को उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले राकेश दनोरिया ने जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ से हिंदी में बहस करते हुए कहा कि उनकी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट तो हो रही है

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  • October 26, 2017 6:46 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में नियम है कि यहां बहस, याचिका या अर्जी दाखिल करना, या याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग के लिए अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग होता है लेकिन गुरुवार को नियम को अलग रख सुप्रीम कोर्ट ने हिंदी में याचिकाकर्ता की बात सुनी और उसके हक में सुनवाई के लिए जल्द तारीख भी तय कर दी. गुरुवार को उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले राकेश दनोरिया ने जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ से हिंदी में बहस करते हुए कहा कि उनकी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट तो हो रही है लेकिन सुनवाई नही हो पा रही क्योंकि उनकी याचिका कई मामलों के बाद सुनवाई पर लगती है. ऐसे में उनकी याचिका को सुनवाई के लिए एक नंबर पर लिस्ट की जाए ताकि उनकी याचिका पर सुनवाई हो सके. 
 
जस्टिस जे चेलमेश्वर दक्षिण भारत से है लिहाजा उन्हें हिंदी की बहस समझने में थोड़ी परेशानी हो रही थी तब साथ जज जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने हिंदी में याचिकाकर्ता से पूछा आपने अपनी याचिका में क्या मांग की है? उसके बाद याचिकाकर्ता ने हिंदी में अपनी बातों को कोर्ट के समक्ष रखा. 
 
इसी बीच कोर्ट रूम में मौजूद केंद्र सरकार के वकील मनिन्द्रर सिंह ने याचिकाकर्ता की बातों को इंग्लिश में जस्टिस जे चेलमेश्वर को बताया कि वो क्या कहना चाहते है. याचिकाकर्ता हिंदी में अपनी बात मनिन्द्रर सिंह को बता रहा था और मनिन्द्रर सिंह उसकी बातों को अंग्रेजी में कोर्ट को बता रहे थे, जिससे बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग को स्वीकार करते हुए सोमवार को पहले नंबर पर उसकी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट कर दी. 
 

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