आधार कार्ड से लिंक नहीं करूंगी अपना मोबाइल नंबर, चाहें तो बंद कर दें- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आधार कार्ड को फोन से लिंक कराने की अनिवार्यता पर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है. सीएम ममता बनर्जी ने खुली चेतावनी दी है कि वह अपने मोबाइल को आधार से लिंक नहीं करेंगी, भले ही उनका फोन बंद क्यों न कर दिया जाए.
October 25, 2017 2:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आधार कार्ड को फोन से लिंक कराने की अनिवार्यता पर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है. सीएम ममता बनर्जी ने खुली चेतावनी दी है कि वह अपने मोबाइल को आधार से लिंक नहीं करेंगी, भले ही उनका फोन बंद क्यों न कर दिया जाए. ममता ने इसे जनता की प्राइवेसी पर हमला बताया. ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की एक मीटिंग के दौरान यह बात कही. ममता बनर्जी ने अपना नंबर आधार से लिंक न कराने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही आप अपना नंबर आधार से लिंक करेंगे, उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा. घर में आप क्या खा रहे हैं. पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं. सब उन्हें पता चल जाएगा.’
ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं बाकी लोगों से भी इस मामले में सामने आने की अपील करती हूं. मोबाइल नंबर से आधार को लिंक करने का यह कदम व्यक्तिगत गोपनीयता पर हमला है.’ बता दें कि टेलीकॉम अथॉरिटी को बीते 23 मार्च को मोबाइल से आधार लिंक कराने का आदेश जारी किया गया था. ममता बनर्जी तभी से इसका विरोध कर रही हैं. केंद्र सरकार ने बैंक अकाउंट्स को आधार से लिंक करवाने के बाद मोबाइल नंबर को भी आधार से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. बुधवार को कोर्ट ने सुनवाई की. सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने बताया कि सरकार ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की समयसीमा 31 मार्च, 2018 तक बढ़ा दी गई है.
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि जिनके पास आधार कार्ड है लेकिन वो इसे कल्याणकारी योजनाओं जैसे, बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर से लिंक नहीं करना चाहते उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने बताया कि फिलहाल आधार नंबर लिंक न करने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रखा जाएगा. इससे पहले संविधान पीठ ने आधार कार्ड को स्वैच्छिक रूप से मनरेगा, पीएफ, पेंशन और जनधन योजना के साथ लिंक करने की इजाजत दे दी थी, लेकिन पीठ ने साफ किया था कि इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा. दरअसल इससे पहले इसी साल 24 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक पीठ ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद आधार कार्ड को अनिवार्य करने को लेकर केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा था, क्योंकि सरकार की दलील थी कि अगर आधार कार्ड को मौलिक अधिकार मान लिया जाए तो व्यवस्था चलाना मुश्किल हो जाएगा. कोई भी निजता का हवाला देकर जरूरी सरकारी काम के लिए फिंगर प्रिंट, फोटो या कोई जानकारी देने से मना कर देगा.