गुजरात चुनाव 2017: BJP ने विकास किया है तो आंदोलनकारियों को ख़रीदने के लिए 500 करोड़ का बजट क्यों लगाया- हार्दिक पटेल
हार्दिक ने ट्वीट में लिखा, सत्ता के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले आंदोलनकारियों को खरीदने ने किए बीजेपी ने 500 करोड़ का बजट लगाया है. मुझे समझ नहीं आ रहा की विकास किया है तो ख़रीददारी क्यों!
October 24, 2017 3:57 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
अहमदाबाद : गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पाटीदार नेताओं का बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख जारी है. एक ही दिन में बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ने वाले नरेंद्र पटेल द्वारा बीजेपी पर लगाए गए आरोपों को लेकर गुजरात में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. हार्दिक ने ट्वीट में लिखा, सत्ता के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले आंदोलनकारियों को खरीदने ने किए बीजेपी ने 500 करोड़ का बजट लगाया है. मुझे समझ नहीं आ रहा की विकास किया है तो ख़रीददारी क्यों! वहीं दूसरे ट्वीट में कहा, गुजरात की जनता इतनी भी सस्ती नहीं है की भाजपा खरीद लेगी. गुजरात की जनता का अपमान किया जा रहा है, गुजरात की जनता अपमान का बदला लेगी.
इस दौरान पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि महाचोर को हराने के लिए चोर का साथ दे रहे हैं. वे किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे, चुनाव लडने वाले नहीं हैं, चुनाव लडने को उनकी उम्र भी पूरी नहीं है. उत्तर गुजरात के मांडल में आक्रोश रैली में हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस चोर है लेकिन महाचोर बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस का साथ दे रहे हैं. सोमवार को पाटीदार आरक्षण आंदोलन से जुडे दो पाटीदार नेता नरेन्द्र पटेल व निखिल सवाणी ने बीजेपी में शामिल होने के कुछ समय बाद ही पार्टी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया. नरेन्द्र पटेल ने उन्हें एक करोड का ऑफर देकर एडवांस में 10 लाख रुपए देने का दावा करते हुए भाजपा से पेशगी में मिले दस लाख रुपए मीडिया को दिखाए.
कौन हैं हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल गुजरात के कड़ी तालुका के बीजेपी कार्यकर्ता भरतभाई पटेल के बेटे हैं. उन्होंने तीन साल पहले अहमदाबाद के सहजानंद कॉलेज से स्नातक किया है. गुजरात में आबादी का पांचवां हिस्सा पटेल समुदाय का है. पटेल समुदाय आरक्षण और ओबीसी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहा है. इस आंदोलन की कमान अब नई पीढ़ी के हार्दिक पटेल की हाथों में है. हार्दिक पटेल ठान चुके हैं कि वे गुजरात में ओबीसी का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे.