Nirjala Ekadashi Vrat 2019: निर्जला एकादशी 2019 इस बार गुरुवार यानी 13 जून को पड़ रही है. इस दिन व्रती दिनभर जल भी नहीं ग्रहण करते हैं. ऐसे कठिन व्रत के दिन कुछ उपाय करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसीलिए निर्जला एकादशी व्रत व पूजन के दौरान ये नियम व उपायों को जरूर पूरा करें.
नई दिल्ली. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार गुरुवार को निर्जला एकादशी 2019 पड़ रही है. इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन निर्जला व्रत रखने और विधिवत पूजा करने का विधान है. वैसे तो सालभर में कई एकादशी पड़ती है लेकिन इस दिन का खास महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान जरूर श्रद्धालुओं की इच्छा पूरी करते हैं.
हर माह दो एकादशी होती है, एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में. इस हिसाब से साल भर में 24 एकादशी होती है लेकिन सभी एकादशी के मुताबिक इस दिन का खास महत्व होता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. जिसका अर्थ है कि बिना पानी पिए व्रत करना. कहा तो यह भी जाता है कि जो शख्स पूरे साल एकादशी का व्रत नहीं रख पाता लेकिन इस व्रत को कर ले तो बाकि एकादशियों का लाभ मिलता है. इसे करने से पुण्य फल प्राप्त होता है. इस खास मौके पर श्रद्धालुओं को व्रत करने के साथ साथ कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए ताकि उनकी मनोवांछित फल मिल सके.
Nirjala Ekadashi Vrat 2019: निर्जला एकादशी व्रत नियम व उपाय
1. निर्जला एकादशी पर कभी भी दातुन से दांत साफ नहीं करना चाहिए. इसके पीछे मान्यता यह है कि एकादशी वाले दिन किसी पेड़ की टहनियों को तोड़ने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं. साथ ही इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए.
2. निर्जला एकादशी के दिन फल फूल आदि भी नहीं खाने चाहिए. इस दिन जल भी ग्रहण करने की मनाही होती है. साथ ही आलस्य करना वर्जित माना जाता है.
3. निर्जला एकादशी को एक ही समय भोजन करना चाहिए. व्रत शाम में पूजा करने के बाद खोले. याद रहे कि रात में फर्श में नहीं सोना चाहिए.
4. निर्जला एकादशी में चावल खाने की मनाही होती है. इसके जगह तिल व मिश्री का प्रयोग किया जा सकता है.
5. निर्जला एकादशी के दिन शाम में व्रत खोलने से पहले भगवान विष्णु को भोग में तुलसी पत्ते के का इस्तेमाल करें.