October 23, 2017 3:25 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड का विलय करके उत्तर प्रदेश मुस्लिम वक्फ बोर्ड के गठन पर विचार कर रही है. इसके लिए शासन से प्रस्ताव मांगा गया है. सूबे की बीजेपी सरकार ने दोनों वक्फ बोर्ड के विलय की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि अभी इस मामले में अंतिम फैसला होना बाकी है. वहीं आजम खां ने प्रदेश में शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड के विलय की सम्भावना पर गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि ये सही नहीं है. आजम ने बताया कि मैंने खुद मंत्री रहते हुए दोनों बोर्ड के विलय को लागू नहीं किया था. मैं आज भी नहीं चाहता कि दोनों का विलय हो जाए.
रविवार को प्रदेश के वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने बताया था कि उनके विभाग के पास पत्रों के माध्यम से ऐसे अनेक सुझाव आए हैं कि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड का परस्पर विलय कर दिया जाए. मंत्री ने कहा, ‘कानून मंत्रालय की तरफ से प्रस्ताव की समीक्षा किए जाने के बाद सरकार इसकी समीक्षा करेगी और यूपी मुस्लिम वक्फ बोर्ड का गठन करेगी.’ उन्होंने कहा कि देश में केवल बिहार और उत्तर प्रदेश ही वैसे राज्य होंगे, जहां एक वक्फ बोर्ड होगा. उन्होंने बताया कि संयुक्त बोर्ड बनने की स्थिति में उसमें वक्फ सम्पत्तियों के प्रतिशत के हिसाब से शिया और सुन्नी सदस्य नामित कर दिए जाएंगे. अध्यक्ष उन्हीं में से किसी को बना दिया जाएगा.
Yes there has been corruption (in Shia,Sunni Waqf boards) because of which superseding is being talked about now: Mohsin Raza,UP minister pic.twitter.com/WanSlnZ8EW
यूपी सरकार शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक कर ‘यूपी मुस्लिम वक्फ बोर्ड’ बनाने जा रही है. जिस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सपा के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि ‘भाजपा को माफी मांगनी चाहिए कि उनकी सरकार को ये नहीं मालूम कि संसद से ये नियम बने जमाना हो गया’. वहीं दूसरी ओर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने रजा के इस बयान पर प्रतिक्रिया में कहा कि फिलहाल तो शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों का गठन अप्रैल 2015 में हो चुका है. उनका कार्यकाल 5 वर्ष का होगा. वक्फ कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि चलते हुए बोर्ड को भंग कर दिया जाए.
BJP ko maafi maangni chahiye ki unki sarkaar ko ye nahi maloom hai ki Parliament se ye kanoon bane hue zamana ho gaya: Azam Khan pic.twitter.com/InQOWiOLDG