छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले का छोटा सा गांव बेलमुंडी इन दिनों देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां रोजी स्टर्लिग अपने नृत्य और कलाबाजियों से मोहक नजारा बांध रही हैं.
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले का छोटा सा गांव बेलमुंडी इन दिनों देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां रोजी स्टर्लिग अपने नृत्य और कलाबाजियों से मोहक नजारा बांध रही हैं. यूरोपवासी रोजी स्टर्लिग वास्तव में नन्हीं चिड़ियां है, जो इन दिनों बेलमुंडी में प्रवास डाले हुए हैं. विशाल समूहों में रहने वाली यह चिड़िया आसमान में एकसाथ जब उड़ती है तो ऐसा लगता है, जैसे सब मिलकर लयबद्ध नृत्य कर रही हों. घंटों कलाबाजियों के बाद जब ये पक्षी पेड़ों पर आराम करने बैठते हैं, तो वृक्ष पर पत्तों की बजाय सिर्फ चिड़ियां ही चिड़िया दिखाई देती हैं. रोजी स्टर्लिग पक्षियों द्वारा शाम में भरी जाने वाली उड़ान के मोहक अंदाज को देखने के लिए अब पर्यटक रोज शाम को यह ‘एयरशो’ देखने बेलमुंडी में जमावड़ा लगाने लगे हैं.
बिलासपुर के वन अधिकारी सुनील बच्चन का कहना है कि ये स्वच्छ पर्यावरण से आकर्षित होकर यहां आते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इन पक्षियों के लिए विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है, ताकि ये पक्षी आगे भी यहां आते रहें. सुनील ने बताया कि इससे पहले ये पक्षी 2013 में बेलमुंडी आए थे, लेकिन तब कुछ स्थानीय लोगों द्वारा पथरबाजी करने के कारण वे अगले वर्ष 2014 में नहीं आए. वास्तव में स्वभाव से बेहद संवेदनशील ये पक्षी किसी भी तरह का खतरा होने पर अपना स्थान बदल लेते हैं. बिलासपुर से महज 14 किमी दूर बेलमुंडी के एक तालाब किनारे पश्चिमी एवं मध्य एशिया तथा यूरोप से आए ये प्रवासी पक्षी रात में ऊंची-ऊंची घास में विश्राम करते हैं. गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और छत्तीसगढ़ से इनके जाने का समय आ गया है.
IANS