Bakrid Eid Al Adha 2019 Date in India: इस्लाम के सबसे पवित्र त्योहार ईद उल अजहा यानी बकरीद इस साल अगस्त महीने की 11 या 12 तारीख को मनाई जाएगी. बकरा ईद के इस मौके पर खुदा की इबादत में बकरा अथवा भेड़ की कुर्बानी दी जाती है.
नई दिल्ली. भारत में इस्लाम का बड़ा त्योहार ईद उल अजहा बकरीद 11 या 12 अगस्त को मनाया जाएगा. बकरा ईद मुस्लिम समुदाय के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक होता है जिस दिन अल्लाह की इबादत में बकर अथवा भेड़ की कुर्बानी दी जाती है. कुर्बानी की शुरुआत सुबह ईद की नमाज पढ़ने के बाद होती है. कुर्बानी का गोश्त गरीब लोगों में तकसीम किया जाता है. इस्लाम में इस दिन को फर्ज एक कुर्बान कहा गया है जो इस्लामिक कैलेंडर के जुल हिज्जाह महीने के 10वें दिन ईद उल अजहा के रूप में मनाया जाता है.
क्या है ईद उल अजहा (बकरीद) का इतिहास
ईद उल अजहा मनाने के पीछे इस्लाम एक कहानी बताई गई है. कहानी के अनुसार, हजरत इब्राहिम अलैय सलाम के कोई संतान नहीं थी. उन्होंने अल्लाह से औलाद की मांग की. काफी मन्नतों के बाद इब्राहिम अलैय सलाम के घर एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम स्माइल रखा गया. इब्राहिम अलैय सलाम अपने बेटे स्माइल को जान से ज्यादा चाहते थे.
बेटे स्माइल की कुर्बानी के लिए तैयार हो गए थे हजरत इब्राहिम
सोते समय एक रात इब्राहिम अलैय सलाम को सपना आया जिसमें अल्लाह ने इब्राहिम अलैय सलाम से उनकी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांगी. हजरत इब्राहिम को अपना बेटा स्माइल सबसे प्यारा था. लेकिन अल्लाह का हुक्म न मानना भी उनके लिए मुमकिन नहीं था. ऐसे में हजरत इब्राहिम अपने बेटे स्माइल की कुर्बानी के लिए तैयार हो गए. दुख न हो इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली.
हालांकि, जब हजरत इब्राहिम बेटे स्माइल की कुर्बानी देने लगे तो अचानक किसी फरिश्ते ने छुरी के नीते स्माइल को हटाकर एक दूंबे (भेड़) को आगे कर दिया. जैसे ही हजरत इब्राहिम ने आंखें खोली तो बेटे स्माइल को सामने पाया. जिसके बाद से ईद उल अजहा का त्योहार मनाया जाने लगा. बकरीद को सब्र का त्योहार कहा गया है और इस तरह खुदा ने हजरत इब्राहिम के विश्वास और सब्र की परीक्षा ली.
तो इस वजह से ईद-उल-अजहा को कहते हैं बकरीद या बकरा ईद
यूपी की इस मस्जिद में सिर्फ मुस्लिम महिलाएं अदा करती हैं नमाज
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