Cyclone Vayu to Hit Gujarat Cost: गुजरात की ओर तेजी से बढ़ रहा वायु चक्रवात, जानें कौन और कैसे रखता है इन खतरनाक तूफानों के नाम?

Cyclone Vayu to Hit Gujarat Cost: अरब सागर से चलकर गुजरात की ओर तेजी से बढ़ रहा वायु चक्रवात के मद्देनजर मौसम विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. राज्य में बचाव-आपदा के सख्त प्रबंधन किए गए हैं. कुछ समय पहले ही ओडिशा में फानी तूफान ने अपना कहर मचाया था. फानी तूफान का नाम बांग्लादेश की ओर से रखा गया था, वहीं वायु चक्रवात का नाम भारत ने रखा है. जानिए कैसे और कौन रखता है इन खतरनाक तूफानों के नाम.

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Cyclone Vayu to Hit Gujarat Cost: गुजरात की ओर तेजी से बढ़ रहा वायु चक्रवात, जानें कौन और कैसे रखता है इन खतरनाक तूफानों के नाम?

Aanchal Pandey

  • June 11, 2019 8:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. भारत के ओडिशा में फानी तूफान के कहर के बाद अब अरब सागर में बना वायु चक्रवात तेजी से गुजरात की ओर बढ़ रहा है जिसकी 13 जून गुरुवार सुबह तक पहुंचने की संभावनाएं हैं. वायु चक्रवात के दौरान हवा की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे से 135 किमी प्रति घंटा हो सकती है. मौसम विभाग के हाई अलर्ट के बाद गुजरात सरकार ने समुद्र में गए मछुआरों को जल्द वापस बुलाने का आदेश दिया है. साथ ही तूफान के प्रभाव में आने वाले इलाकों में सरकारी दफ्तर, स्कूल कॉलेजों की छुट्टी कर दी है. अरब सागर से चलने वाले इस चक्रवात को वायु नाम भारत ने दिया है, जो ‘हवा’ के तर्ज पर रखा गया है. जानिए कैसे हुई तूफानों के नाम रखने की शुरुआत और कौन रखता है तूफानों के नाम.

जानिए कैसे होता है तूफानों का नामकरण

सबसे पहले किसी चक्रवात का नाम साल 1953 में रखा गया था. दरअसल तूफानों के नाम रखने की शुरुआत अटलांटिक महासागर क्षेत्र में हुए एक समझौते के तहत हुई थी और मियामी के हरिकेन सेंटर ने इसकी शुरुआत की थी. शुरुआत में तूफानों के नाम महिलाओं के नाम पर रख जाते थे. हालांकि साल 1973 से यह ट्रेंड थोड़ा बदल गया और किसी भी तूफान का नाम रखने के लिए जेंडर कैटेगरी को खत्म कर दिया गया. जिसके बाद से तूफान के नाम महिला और पुरुष दोनों के नाम पर रखे जाने लगे. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में तो भ्रष्ट नेताओं के नाम पर भी चक्रवात तूफानों के नाम रखे जा चुके हैं.

साल 2004 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की अगुवाई वाले एक अंतराष्ट्रीय पैनल को भंग कर दिया गया. जिसके बाद सभी देशों से अपने-अपने इलाके में आने वाले चक्रवात का नाम खुद चुनने के लिए कहा गया. जिसके बाद हिंद महासागर से जुड़ें देशों में भारत ने सबसे पहले इसकी शुरुआत की. इस दौरान भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, थाईलैंड और ओमान से एक समझौता किया. इस समझौते के मुताबिक, सभी 8 देशों में जिसके क्षेत्र में चक्रवात तूफान आएगा, उसके सुझाव पर ही नाम रखा जाएगा. अब तक करीब 64 चक्रवात के नाम रखे जा चुके हैं.

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