भाई दूज 2017: विभिन्न राज्यों में इन तरीकों और पूजा विधि से मनाया जाता है भाई दूज
भाई दूज 2017: विभिन्न राज्यों में इन तरीकों और पूजा विधि से मनाया जाता है भाई दूज
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक होता है. ये त्योहार दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है. आज भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. इस त्योहार को अलग-्अलग राज्यों में विभिन्न पूजा विधि से मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी आयु की कामना करती हैं.
October 20, 2017 4:08 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक होता है. ये त्योहार दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है. आज भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. इस त्योहार को अलग-्अलग राज्यों में विभिन्न पूजा विधि से मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी आयु की कामना करती हैं. कहा जाता है कि इस दिन भाई यदि यमुना नदी में स्नान करता है तो उसे यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस दिन बहन यमुनी को भाई यमराज ने वरदान दिया था जिसके बाद से कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज मनाया जाता है. इस दिन जो भाई अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं रहता. लेकिन ये त्योहार हर राज्यों की संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाया जाता है. त्योहार को बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों में खूब धूमधाम से मनाया जाता है. आइये जानते हैं कि विभिन्न राज्यों में कैसे अलग अलग तौर तरीकों से भाई दूज मनाया जाता है.
बिहार में भाई दूज
कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बिहार में बहनें अपनी भाईयों को पारंपरिक तरीके से बजरी खिलाती है. बजरी को खिलाने के पीछे माना जाता है कि भाई खूब मजबूत बनता है. बहनें अपने भाईयों को खूब कोसती हैं फिर अपनी जीभ पर कांटा चुभाती हैं. और अपनी गलती के लिए माफी मांगती हैं. फिर भाई अपनी बहन को आशर्वाद देते हैं. बिहार के कुछ इलाकों में गोधन कूटने की परंपरा है. इसके लिए बहने गोबर से मूर्ति बनाती हैं. बाद में इस मूर्ति को डंडे से कूटती हैं.
दिल्ली में भाई दूज
दिल्ली में विभिन्न संस्कृति के लोग बसते हैं इसीलिए दिल्ली में मिले-जुले तरीके से भाई दूज मनायी जाती है. परंतु दिल्ली में इस दिन तिलक करने का विशेष महत्व माना जाता है. भाई दूज पर बहनें भाई को तिलक करने के बाद हाथ में मौली बांधती हैं. फिर भाई की झोली में सूखा नारियल डालती हैं. इसके बाद बहनें भाई को पान खिलाती हैं. इस दिन भाई को सूखा नारियल यानि गोला देने की परंपरा है. कहीं कहीं पर गोले में बूरा भर कर भी दी जाती है. फिर भाई का मुंह मीठा करवाती है. इसके बाद बहन भाई की लंबी आयु की कामना करती है. फिर भाई बहन को उपहार देता है.
पश्चिम बंगाल में भाई दूज
पश्चिम बंगाल में भाई दूज मनाने की विशेष परंपरा है. पश्चिम बंगाल में भाई दूजा को को भाई फोटा के नाम से पुकारा जाता है. यहां पर बहनें भाई की लंबी आयु की कामना के लिए उपवास यानि व्रत भी रखती हैं. बहने भाई को तिलक कर नारियल देती हैं. इस त्योहार पर पश्चिम बंगाल में खीर बनाने की परंपरा है.
महाराष्ट्र और गोवा में भाई दूज
महाराष्ट्र और गोवा के लोग भाई दूज को भाई बीज कह कर पुकारते हैं. यहां पर बहनें अपने भाई के लिए जमीन पर एक आकृति बनाती हैं. फिर इस जगह भाई को कुछ कड़वा खाकर बैठाया जाता है. उसके बाद भाई की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाती है.
गुजरात में भाई दूज
गुजरात में भी भाई दूज को भाई बीज कहा जाता है. यहां पर बहनें भाई को तिलक कर आरती करती हैं. और इस दिन गुजरात में पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं.