देश की एकता टूटती है, तो लोगों के सपने भी टूटेंगे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 69वें स्वतंत्रता दिवस पर शनिवार को कहा कि यह कोई आम सुबह नहीं है. उन्होंने लाल किले से देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'यह कोई आम सुबह नहीं है. यह 125 करोड़ भारतीयों के सपनों की आशा और आकांक्षाओं की सुबह है.'

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देश की एकता टूटती है, तो लोगों के सपने भी टूटेंगे: पीएम मोदी

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  • August 15, 2015 3:46 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 69वें स्वतंत्रता दिवस पर शनिवार को कहा कि यह कोई आम सुबह नहीं है. उन्होंने लाल किले से देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह कोई आम सुबह नहीं है. यह 125 करोड़ भारतीयों के सपनों की आशा और आकांक्षाओं की सुबह है.’
 
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, यदि भारत की एकता टूटती है, तो लोगों के सपने भी टूटेंगे. उन्होंने कहा, जातिवाद हो या सांप्रदायिकता, देश में इन बातों के लिए कोई स्थान नहीं है. इनको किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
 
पीएम ने कहा, यह ‘टीम इंडिया’ है, यह 125 करोड़ भारतीयों की टीम है. यही टीम राष्ट्र का निर्माण करती है और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सभी परियोजनाएं गरीबों के कल्याण के लिए होनी चाहिए. कोई भी इंसान गरीब नहीं रहना चाहता. जो लोग गरीब हैं, वे गरीबी से ऊपर उठना चाहते हैं. इसलिए जरूरी है कि हमारे सभी कार्यक्रम और परियोजनाएं गरीबों के लिए हों.’
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि उन्होंने बैंको से आग्रह किया है कि गरीब लोगों को बैंक खाता खोलने दें, क्योंकि हम देश में वित्तीय समावेश को मजबूत बनाना चाहते हैं. मोदी ने कहा, ‘बैंकों के दवाजे गरीबों के लिए नहीं खुलते. हमने निश्चय किया है कि इसे खत्म करना होगा. हम वित्तीय समावेश को मजबूत करना चाहते हैं.’
 
पीएम ने कहा, गरीबों को वित्तीय प्रणाली में शामिल करने के लिए जरूरी है कि बैंकों में उनके खाते हों. उन्होंने बताया कि देश में 17 करोड़ लोगों ने जनधन योजना के तहत बैंकों में खाते खुलवाए.
 
पीएम मोदी ने कहा, आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश में करीब 18,500 गांव बिना बिजली के हैं. अगर पुराने तरीकों से चलते रहे तो 10 साल में भी इन गांवों में बिजली नहीं पहुंचेंगी. राज्‍यों के सहयोग और स्‍थानीय निकायों की मदद से आने वाले एक हजार दिन में 18,500 गांव में बिजली पहुंचाने का काम करेंगे. 

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